कुछ तुम खाओ कुछ हम खाएं

मां बच्चों की छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखती हैं

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 03 Dec, 2020 | 1 min read
#advise #motherhood # motivational

,"कैसी मां है तु हर चीज तो बच्ची को झूठी करके देती है, " विनीता जी बोली

हां तुम मुझे बता देती अगर तुम्हें भी खानी थी चॉकलेट तो मैं दो लेकर आ जाता आधी चॉकलेट बिचारी  मिष्टि क्या खाएगी???? प्रतीक ने कहा

,"बच्चों को देने से पहले हर चीज झूठी कर देती है अरे कन्या है वह!!!उसे झूठा देगी, " विनीता जी बोली


,"झूठी नहीं की मैंने तो अलग से तोड़कर खाई ,"

चल अब बहस मत कर जा चाय बना लें |

शोभा किचन में चली गई और सोचने लगी चॉकलेट शोभा को भी बहुत पसंद है लेकिन आजकल वेट बढ़ने के चक्कर में भी पूरा नहीं खाती और बिटिया 2 साल की है उसने देखा है कि कई सहेलियों के बच्चों के दांत छोटी उम्र में चॉकलेट खाने से खराब हो गए......तो वह इसलिए उसको कम चॉकलेट खाने को देती है ,लेकिन अब पिता के लाड के आगे वह क्या बोले ?????वह तो चाहते हैं कि उसकी बेटी को चॉकलेट पसंद है तो पूरी चॉकलेट खाये, जबकि वह माँ होकर भी सोचती है |

"पापा पापा.....आज आप मेरे लिए चिप्स लेकर आना, "हां बेटा मैं लेकर आऊंगा कौन से बोल रही हो

,"ब्लू वाले लेकर आना, "

नहीं...प्रतीक तुम एलो वाले ले आना, "

,"अरे !!!!जब वह बोल रही है ब्लू वाले खाने हैं तो तुम अपनी टांग बीच में वह क्यूँ अड़ाती हो तुम्हें एलो खाने है तो तुम्हारे लिए ले आऊंगा तुम भी ना बच्चों जैसी बात करती रहती हो, "


कहकर प्रतीक ऑफिस चले गए अब शोभा को लगने लगा कि जैसे खाने की चीजें मांग कर पाप कर रही है |


शाम को प्रतीक ऑफिस सेआए तो ब्लू चिप्स लेकर आए .... एलो वाले मिले नही.....मुझे पता था वह झूठ बोल रहे हैं अपनी बेटी के लिए लेकर आए है|

जैसे ही मैंने पैकेट सैनिटाइज करने के बाद बेटी को खोल कर दिया तो उसको प्लेट में कुछ चिप्स दे दिया

बाकी मैंने रख ली है तो प्रतीक शुरू हो गए

,"तुम उसको कोई चीज पूरी खाने क्यों नहीं देती???हो हर चीज आधी अधूरी देती हो अरे !!!बच्ची है मन करता होगा, "

हां तो बच्ची है उसकी सेहत के लिए अच्छा होगा वही तो मैं कर रही हूं पूरा पैकेट खाएगी तो उसको लूज मोशन लग जाएंगे, और आप तो देखो यह बड़ा पैकेट लेकर आए हो, " शोभा बोली

,"मुझे पता था तुम भी खाओगी इसलिए बड़ा पैकेट लेकर आया छोटा ले तो आता तो तुम खा जाती इसे क्या मिलता?????अब शोभा को लगने लगा कि जैसे थोड़ी थोड़ी चीज खा कर लग रहा है कि उसे कुछ खाने को नहीं मिलता है |बहुत पेटु है पीछे से सास भी बोलने लगी भी हमारे जमाने में तो यह चटर-पटर चीजें आती नहीं थी रोटियां ही खाते थे आजकल के बच्चों के दो अलग-अलग चीजें आती हैं तो उनकी माँ के भी शौक है |

शोभा ने गुस्से में चिप्स नहीं खाए तो बिटिया ने कुछ ज्यादा ही चीज खा लिए ....शाम को उसको लूज मोशन हो गए ........अब ऐसे समय में डॉक्टर के पास तो ले जा नहीं सकते थे डॉक्टर से फोन पर कंसल्ट किया तो उसकी हालत जानने के बाद डॉक्टर ने बताया, "कि शायद फ़ूड पोइज़निंग हो गई है कुछ बाहर का ज्यादा खा लिया है, "

प्रतीक और सासू मां मुझे देखने लगे कि हाँ अगर ये खा लेती तो बिटिया को सारा नहीं खाना पड़ता और इसकी तबीयत खराब नहीं होती उस समय तो डॉक्टर ने दवाई बताई फोन पर और प्रतीक ले कर आए , बिटिया को दे दिया, बिटिया सो गई ,

अब पति कहने लगे हां तुम सही करती हो डॉक्टर भी कह रहे हैं कि बाहर की चीजे ज्यादा नहीं देनी चाहिए और बच्चों को क्या पता ???यह तो पूरा पैकेट या पूरी चॉकलेट खा लेंगे ,"


मैं भी इसकी मां हूं मुझे भी यही लगता है कि अगर यह पूरी चीज खाएगी अगर पूरी चॉकलेट खाएगी तो इसके दांत खराब हो जाएंगे और अगर तला भुना और चिप्स इसके पेट के लिए सही नहीं है किसका पेट हमेशा खराब हो जाता है इसमें पहले आधी चीज खा लेती हूं|, "

अच्छा भाई तुम सही थी हम गलत.....अब हमें माफ कर दो अब पहले तुम्हें ही लाकर दिया करेंगे तुम्हारे जितना  मन आये उसको देना इस भागदौड़ से तो भी अच्छा की

दोनों मिल बैठकर खाओ आखिर तुम में भी बचपन हीं है |अब शोभा को लग रहा है कि मैं कुछ पाप नहीं करती यह चीजें खाकर एक तरीके से अपने बच्चे को इंफेक्शन से ही बचा रही हूं......


तो बस यही फंडा अपनालूंगी कुछ तुम खाओ कुछ हम खाये.....


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Varsha Sharma

varshau8hkd

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