बर्तन मांज ना सिखा दो

एकल परिवार की समस्याओं को दर्शाते हुए एक लघुकथा जहां सभी को घर के हर एक काम आने चाहिए

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 25 Oct, 2020 | 1 min read
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अरे!!ठंड बढ़ रही है, मौसम बदल रहा है, देखो छींके शुरू हो गई, तुम मानती नही, तुम्हे धूल से एलर्जी है | तो एक्स्ट्रा काम क्यूँ किया | और अब यह बर्तन मत माँजना, अब चलो दवाई लो नहीं तो बीमारी और बढ़ जाएगी और आजकल का माहौल ऐसा है कितना समय खराब चल रहा है |

खड़े खड़े हेमंत ने पूनम को कई बातें सुना दी |पूनम एक तो तबीयत खराब होने की वजह से परेशान थी और रोटियां सेक रही थी|

हेमंत और पूनम के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं| हेमंत खाना तो कभी-कभी बना लेता लेकिन उसे बर्तन साफ करना नहीं आता |

चलो अब खाना खा लो मैं बर्तन साफ नहीं करूंगी... .

क्योंकि जुकाम की वजह से उसे भी थकान हो रही थी तो वह भी बहस करने के मूड में नहीं थी|


बच्चों को भी खाना खिला दिया हेमंत और पूनम ने भी खाया और हेमंत ने बोला कि मैं सुबह ऑफिस नहीं जाऊंगा तुम आराम करो दवाई ले लो आराम से उठना |

पूनम ने भी बिना बहस किए हुए दवाई खा ली क्योंकि आजकल ऐसा समय चल रहा है, सभी डरे हुए हैं एक छींक भी आती है तो डर लगता है और बच्चों के एग्जाम चल रहे हैं बेटे और बेटी के ऑनलाइन एग्जाम है  | बच्चे अभी छोटे हैं तो घर के कामों में मदद नहीं कर सकते, तो घर के सभी कामों का ध्यान उसे ही रखना है |

और समय भी ऐसा है मेड को भी नहीं रख सकते | पूनम के पास तो बीमार होने का भी वक्त नहीं है |

सच में ये औरते ऐसी ही होती हैं, बीमार होने के लिए भी वक्त नहीं मिलता|

दवाई लेने के कारण पूनम की आंख नहीं खुलती और वह 9:00 बजे उठती है देखती है तो उसके पति उठे हुए नाश्ते की तैयारी कर रहे हैं| वैसे तो छुट्टी वाले दिन भी 11:00 बजे तक उठते हैं आज कैसे कर रहे हैं????नाश्ते में मैं पोहा बना दूंगा| अच्छा लग रहा है क्या अब??

,"दवाई ली तो थोड़ा सिर भारी है " पूनम बोली

"चलो मैं अपने हाथ की मस्त चाय बनाता हूं ,"हेमंत ने चाय बना दी लेकिन पूनम उठकर गई तो भरा हुआ सिंक बर्तन देखकर याद आया कि रात को बर्तन भी साफ नहीं किए थे | ,"तो बर्तन कर दूँ थोड़ा ठीक लग रहा है, "पूनम बोली

"एक साथ ही कर देना अभी तो खाने के लिए है ,"लेकिन

पूनम ने बर्तन साफ किए फिर नहाने के लिए गई | नहा कर आई तो हेमंत ने नाश्ता बना कर तैयार रख दिया | बच्चों ने और दोनों ने अच्छे से खा लिया फिर से बर्तन धुलने के लिए तैयार हो गए थे | अब थोड़ी देर पूनम ने रेस्ट किया फिर किचन साफ करने लगी तो हेमंत जाकर बोला, "यह सब काम सुबह में भी निपटा लिया करो  रात में बहुत ही ठंडी होने लगी है"

यह बर्तन माँजना मुझे भी सिखा दो ,चाहे हम खाना कितना भी बना ले लेकिन पूरा आराम हम औरत को नहीं दे सकते रसोई में सिर्फ खाना बनाना ही नहीं होता रसोई को संभालना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है| और तुम सब औरतें यह कैसे मैनेज कर लेती हो ???सचमुच अगर तुम सब औरतें किचन से छुट्टी ले लो और किचन का काम ना करें तो शायद भारत से किचन की सभ्यता खत्म हो जाए ,क्योंकि हम लोगों के बस की बात नहीं है

, "



,"आपने तो खाना भी इतना अच्छा बना दिया था "

पूनम बोली


,"हां बाबा खाना तो बना दिया लेकिन मुझे तुम्हें किचन साफ करते हुए देखा तो सच में लगा कैसे कर लेती हो????तुम सभी

पूनम बोली,"यह भी कोई बात है यह तो सभी औरतें करती हैं , "

,"हां तुम हमारे बीमार होने पर भी हमारा कितना अच्छे से ख्याल रख लेती हो और हम तो ख्याल भी नहीं रख पाते, " एक्स्ट्रा काम भी नहीं कर पाते , चलो हटो आज मैं कोशिश करता हूं| कहकर हेमंत ने बर्तन हाथ में उठा लिया |

दोनों बच्चे कहने लगे ,"मम्मी पापा को सिखा दो फिर हम भी सीख लेंगे



,"अभी तुम पढ़ लो ,, जब तुम्हारा समय आएगा तो तुम्हें भी सिखा देंगे, "

गर्मी की छुट्टी में जरूर सीखेंगे, " दोनों बच्चे कहने लगे और अब हेमंत बर्तन मांजने शुरू कर रहा है |


घर के काम आना सभी की जिम्मेदारी है | तो सभी को सभी काम आने चाहिए यह ना हो कि आप बीमार पड़े तो घर के कोई काम रुक जाए....... जब कोई प्यार से सीखे तो जरूर सिखाना चाहिए, वक्त बेवक्त यह काम ही आएगा


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