"देखो मैडम कैसे हीरोइन बन कर चल देती है|
रोज-रोज साक्षी| कितनी सुंदर तरीके से अपने आप को रखती है यह और जॉब भी करती हैं,"|हिमानी ने कहा ,"कभी देखा नहीं इनके पति को कहां काम करते हैं???और यह क्या काम करती है ''??सोसाइटी में नई आई राधा ने हिमानी से कहा,,,, अरे!!!नहीं यह तो सिंगल मदर है मजे है इनके तो देखो कितनी अप टू डेट रहती है सारा दिन |,,अरे नौकरी करती है !!! बेटा 10 वीं के पेपर दे रहा है खुद ही पढ़ाती है काफी इंटेलिजेंट है |,"तो फिर आप ऐसे क्यों कह रहे हो इसकी परेशानियां भी तो होंगी | क्या परेशानी ना किसी का सुनना ना कुछ???मां भी साथ रहती है| पति शुरू शुरू में आते थे तलाक हो गया है शायद.....
पता नहीं कैसा आकर्षण था| साक्षी में कि राधा उसकी तरफ अट्रैक्ट होती जा रही थी| उसे बड़ा अच्छा लगता था सुबह योगा करते हुए दिखती थी पार्क मे....और शाम को आकर बेटे को पढ़ाती हुई......जो उसकी बालकनी में बैठकर दिख जाता था |कितनी मेहनत करती है हम लोग तो किचन के काम और छोटे-मोटे काम करके सोचते हैं कि हमने बहुत कर लिया | साक्षी से दोस्ती करने का मन हुआ | हिमानी ने बिल्कुल उसकी बुराइयां की थी तो राधा डर रही थी |लेकिन एक दिन पार्क में सुबह-सुबह घूमते हुए साक्षी और राधा मिल गई साक्षी ने बात शुरू की आप अभी नए आए हैं ....सब सामान एडजस्ट हो गया या अभी कर ही रहे हैं और ऐसी छोटी-छोटी बातें करते हुए उसे बढ़िया हंसमुख लगी साक्षी|.....एकदम से पूछना ठीक नहीं लगा तो राधा ने कुछ पूछा नहीं और उसको कहा कि कभी आप फ्री हो तो मेरे घर पर आइये वह कहने लगी मैं तो थोड़ा बिजी ज्यादा रहती हूं हंसमुख सी लड़की को देखकर लगा कि क्यों इसके पति ने छोड़ दिया होगा?? हाँ ...छोड़ दिया होगा पहली नजर में यही हम लोगों को दिखाई देता है| कि पति ने छोड़ दिया |कभी यह नहीं सोच सकते कि यह भी छोड़ सकती हैं| एक दिन संडे था फिर भी वह योगा करने आई बिल्कुल अप टू डेट रहती थी लगता नहीं था कि इतने बड़े बच्चे की मां होगी| वह पार्क में आई थी राधा भी बालकनी मे आई थी |उसने सोचा मैं भी पार्क में राउंड लगा कर आती हूं| पर कुछ बहाना साक्षी से बात करने का था| धीरे-धीरे दोस्त बन गई दोनों अब राधा ने एक दिन पूछा की आप सिंगल मदर है |तब साक्षी समझ गई उसकी आंखों में छुपे हुए प्रश्न को तब उसने खुद से ही अपनी कहानी बताइ |....बहुत बड़े बिजनेसमैन थे.....पैसा भी बहुत था |इतना कि काम करने के लिए भी हाथ नहीं उठाना पड़ता था |नौकर चाकर इतने और ससुर भी बहुत पहुंचे हुए थे| बहुत ऊंची जगह पहुंच थी |उनकी और यह इकलौता बेटा था| लेकिन बिगड़ा हुआ रईस अब धीरे-धीरे मुझे उनकी कमजोरियों का पता लगने लगा नशे में धुत होकर आना थोड़ा बहुत मैं चला भी लेती लेकिन एक दिन तो हद हो गई साथ में अपनी किसी दोस्त को घर में ही ले आये और कहने लगे यह भी यहीं रहेगी पिता इकलौते बेटे होने के कारण चुप थे |....बड़े रसूख वाले थे ना ........लेकिन उस दिन घर में घमासान युद्ध हुआ मेरी भी मां सिंगल मदर थी मैंने बहुत निभाने की कोशिश की लेकिन अब मेरे आत्मसम्मान पर बन आई थी .......बेटा बहुत छोटा था मैं नौकरी भी नहीं करती थी तो मैंने सोचा कि जीवन यापन कैसे हो मां पर आश्रित होने से अच्छा है| लेकिन आत्म सम्मान की बारी थी तो मैंने एक झटके में वह घर छोड़ दिया| क्योंकि अपने बच्चे को पालने के लिए मैं ही काफी हूं यह दिमाग में आया और मैं निकल पड़ी कोई रास्ता नहीं था इतनी कमजोर नहीं थी कि मौत को गले लगाऊं |क्योंकि एक हंसता खिलखिलाता बचपन मेरे हाथों में था| मां के घर आ गई मां को भी बड़ा दुख हुआ| मां की पेंशन से ही घर चलता था अब कैसे खर्चे पूरे होंगे क्योंकि जरूरतें बढ़ने लगी थी | मैंने जो पेपर गवर्नमेंट जॉब के लिए दिया था वह क्लियर हो गया| और मेरी सरकारी नौकरी लग गई| अब मैं मां के साथ, रहती हूं और बेटे की परवरिश भी अच्छे से हो रही है कहते कहते साक्षी की आंखों में आंसू भर आए जो हंसते खिलखिलाते रहती थी उसे देखकर मुझे खुद दुख ,, हुआ मैंने से क्षमा मांगी, ,बोला सॉरी मैंने तुम्हें परेशान कर दिया |वह कहती है कि कोई बात नहीं लेकिन आज भी लोगों की निगाहों मे मिल ही जाता है| कि मैं सिंगल हूं |लेकिन मुझे किसी की परवाह ही नहीं है क्योंकि मुझे अपने बेटे को बड़ा करना है और वह भी अच्छे संस्कार देकर उसके लिए मैं ही काफी हूं एक मां और बाप दोनों का प्यार देने के लिए उस ने तो कोई गलती नहीं की | मैंने तलाक ले लिया| हां मैं अपने बच्चे की हीरोइन हूं|, इसी नाम से बुलाते हैं पीठ पीछे सब. ....
लेकिन अब अपने आप को स्वस्थ रखना मेरी पहली जिम्मेदारी है क्योंकि जब मैं स्वस्थ रहूंगी तभी अपने बच्चे का ध्यान रख पाऊंगी|
आज साक्षी से बात करके राधा का मन उसके लिए श्रद्धा से भर उठा| बेटा भी देखा उसका काफी संस्कारी है| उसकी तपस्या सफल हो रही है| अब दोनों अच्छी सहेलियां हैं|
सखियों सिंगल मदर को आज भी लोग गलत दृष्टि से देखते हैं| जबकि उनकी जिम्मेदारी दोगुनी होती है अगर आपके आसपास कोई सिंगल मदर है तो सलाम करें उसके जज्बे को....
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Samaj ki soch badalne k liye aise hi lekhon ki zarurat hai, bahut achha likha 😊
Sonia madan ji hardik धन्यवाद 🙏
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