हर साल करती हूँ, इस बार भी जरुर करूंगी बीमार ही तो हुई हूं .....कोई मर थोड़ी गई हूं ...साल भर का त्यौहार है ...देखो फालतू की बातें मैं नहीं सुनूंगा कोविड की वजह से इस साल अब पहले जैसा कुछ नही है तुम अभी बीमारी से उठी हो , सोलह श्रंगार तुम करना और तुम्हारे बदले व्रत मै रखूंगा,
लेकिन पिछले 25 सालों में ऐसा कभी कुछ नहीं हुआ, हां ..तो बहुत कुछ पहली बार होता है और अगर अब तुम नहीं मानी तो सोलह श्रंगार भी मैं ही कर लूंगा...दोनों गुस्सा है लेकिन एक दूसरे की फिक्र है|
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