जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए तुम देना साथ मेरा ओ हमनवा...
क्षितिज् बन जाए हम तुम ना करें एक दूजे का तिरस्कार.,
प्यार की सोंधी खुशबू से उगेगा नया प्रभात
तुम ऐसे ही रहना..,
जो पतझड़ में हो हरियाली फुहार
जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए तुम देना साथ मेरा ओ हमनवा...
मेरा समर्पण और तेरे प्यार की बयार..
यह तन से तन का नहीं ,
मन से मन का है विस्तार
सिंहर जाती हूं मैं अब भी ,
गले में जब पड़े तेरी बाहों का हार
जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए तुम देना साथ मेरा ओ हमनवा...
गलतियां मुझसे भी होंगी गलती तुमसे भी होगी अदब और विश्वास से कर लेंगे स्वीकार
नीचा ना दिखाएं एक दूजे को रखेंगे विश्वास
हमारे प्यार का जिक्र युग युग तक किया जाएगा
याद
वर्षा शर्मा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
क्या कहने
आभार🙏
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