,"चलो भाभी जी मैं आपकी मदद करवा देती हूं खाना बनाने में, "पति के दोस्त की मिसेज ने कहा
"हां चलो सब्जियां तो तैयार है बस पूरियां बना लेते हैं बच्चों को खेलने दो"
दोनों कहते हुए किचन में आ गई |
तभी रिचा ने एक गैस पर कढ़ाई में तेल चढ़ा दिया और आटा सही करने लगी अब दूसरी गैस जलाकर उसने तवा भी चढ़ा दिया....
अरे !!भाभी जी आप तो पूरियां कह रही थी तवा क्यों चढ़ा दिया???
हां पूनम तुम्हारे भैया है ना वह पूरियां बहुत कम खाते हैं...
अच्छा तो फिर तो आप राजेश से भी पूछ लीजिए क्योंकि वह भी यही कहेंगे कि मैं भी पूरी कम खाता हूं|
वैसे यह सभी मर्द लोगों का है क्या?????मैं अपने मायके में भी जाती हूं तो वहां भी दो दो तरीके से खाना बनता है वैसे आपको एक बात बताऊं मुझे बिल्कुल पसंद नहीं
अरे !! भई कचोरिया खा लो लेकिन ऐसी चीजें छोड़ ना और अभी तो कोई उम्र भी नहीं है कोई बीमारी भी नहीं है बस इन लोगों को वहम है कि पूरिया खाने से वेट बढ़ जाएगा...
,"हां मैं भी शुरू शुरू में तो यही सोचती थी, लेकिन अभी क्या करें??कितना बहस करें ??नहीं तो तुम ही बताओ
वीक में एक बार तो बाहर का खाना खा लेते हैं वह क्या नुकसान नहीं करता ???और बाहर की कचौड़ी तो बड़ा खुश होकर खाएंगे बस घर की पूरी से ही बैर है इन लोगों का
या यूँ कहे कि हम लोग आसानी से बना कर दे देती हैं नहीं तो गरम गरम गोल-गोल छोटी-छोटी पूरियां खाने में कितनी स्वादिष्ट लगती है, मुझे और मेरे बच्चों को तो बहुत पसंद है तो मैं तो जब भी बनाती हूं इनके लिए अलग से रोटियां बना देती हूं......रिचा बोली
पूनम बोली ,"हां कई बार खुद से कहेंगे कि आज तो आलू और पूरी खाने का मन है तब तो नाश्ते में भी पूरी खा लेंगे और अभी जब हम स्पेशली बनाएंगे तब नहीं खाते यह लोग ....
क्या इनकी डाइटिंग पूरी से ही शुरू होती है???बाहर की कचोरीआ और समोसे तो अभी नाश्ते में जैसे खा लिए....
तभी राजेश और विनोद घूमते हुए आए राजेश ने देखा की रोटियां भी बन रहे हैं वह भी कहने लगे कि मैं भी एक दो रोटियां ही ले लूंगा तो दोनों हंस पड़ी जी हां भैया मुझे पूनम ने पहले ही बता दिया है... कि पूरी खाएं ना सैयां हमारे!!
यह आजकल बहुतायात में देखने को मिलने लगा है कि लोग बाहर का खाना भी खा लेंगे कचोरीआ और समोसे जो कि थोड़े अन हेल्थी ही होते हैं वह भी खा लेंगे लेकिन जब घर में किसी तीज या त्योहार पर पूरिया बनती हैं सब लोग मुंह बनाने लगते हैं |
अगर कोई बीमारी है तब तो ठीक है लेकिन बिना बीमारी के भी इन सब चीजों को छोड़ना सही नहीं है क्योंकि असली मजा तो सबके साथ खाने में आता है|
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बिल्कुल सही कहा 🙏
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