"हेलो दीदी कैसे हो?"
"बस ठीक हूं"|
"आज उखड़े उखड़े से क्यों बात कर रही हो?"
"अरे !!कुछ नहीं"|
"कुछ तो है जो आज मैडम इतना दुखी साउंड कर रही है" बबीता ने हंसकर पूछा
"तुम्हें तो पता ही है शादी के समय में संयुक्त परिवार था कैसे रहे?" पूनम बोली|
"और क्या तुम्हारे पास तो फोन करने से भी डरते थे कि कहीं तुम व्यस्त ना हो और तुमने ही तो खुद मना कर दिया था कि मैं जब फ्री हुआ करूंगी खुद फोन कर लिया करूंगी| फिर तुम्हारे फोन का हम घंटों इंतजार करते थे, हाहाहा करके बबीता हंसने लगी|
"हां तू भी हंस ले"|
और ये तेरे जीजा जी हैं अगर इनके सामने कोई पुरानी बात कह दो तो कि मैंने ऐसा किया तो कहेंगे कि हां सभी तो करते हैं तुमने क्या कोई स्पेशल किया , "
मतलब
"आज तो हमारी दीदी महायुद्ध के मूड में हैं"
या जीजाजी रिटायर हुए हैं तो तुम्हें उनका खाली बैठना भा नहीं रहा
नहीं बबीता ऐसी बात नहीं है तू भी ना पागल है एक तो इन्होंने ही दिमाग खराब किया हुआ है| अब तो जो समय चला गया उसमें हम कुछ भी नहीं कर सकते लेकिन यादें तो रह जाती है
और आज अगर कोई पुराने समय की बात याद आ जाती है तो मन खराब हो जाता है जैसे कुछ खो सा गया हो ऐसे तो पति बहुत ध्यान रखते हैं लेकिन अगर पुरानी बात कोई छिड़ जाए तो हमेशा गुस्सा हो जाते हैं कि क्या यार तुम पुरानी बातें लेकर बैठ जाती हो??? पूनम बोली
"यह सभी लोगों का है दीदी , अगर मैं अपनी ही बात करूं तो मेरे पतिदेव भी कुछ कम नहीं यह सभी का है अधिकतर तो वह लोग बाहर ही रहते हैं, तो घर की छोटी छोटी बातें उन्हें पता भी नहीं होती
पुरानी बातें सब लोग भूल जाते हैं लेकिन हम औरतें नहीं भूल पाती खासकर जब नई नवेली आती हैं और जो समय उन्हें मिलना चाहिए वह समय उन्हें नहीं मिल पाता, और उसी घर में जब नए रिश्ते बनते हैं तो नए लोगों को वह सब सुविधाएं मिलती हैं| मुझे ही देखो मेरी देवरानी को कितनी सुविधाएं मिली जो कि मुझे नहीं मिली, " बबिता ने कहा
"बस उसे किस से बताएं कि क्या खोया है अब तो हमारे पतिदेव भी हमारी बात नही सुनेंगे, "
तो पुरानी बातें सोच कर भी क्यों इस समय को खराब करना??क्योंकि वह समय तो खो गया अब कभी वापस नहीं आएगा हां बस हम इतना इतना कर सकते हैं कि आने वाली पीढ़ी को वह सब न सहना पड़े | पूनम बोलने लगी, "
अब तुम तैयार हो जाओ प्रशांत की शादी के लिए कैसी सासू मां बनना पसंद करोगे और दोनों बहने मुस्कुरा दी|
सखियों, कई बार हम औरतें अपने साथ घटित घटनाओं को भूल नहीं पाते हैं जो हमारे मन पर एक अमिट छाप छोड़ जाता है हां अब उस समय को वापस तो नहीं ला सकते लेकिन उन यादों से सीख लेकर अपने आने वाले समय को और सुखद बना सकते हैं ताकि आने वाली पीढ़ी को वह सब न सहना पड़े जो हम नहीं चाहते थे कि हमारे साथ हो|
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
सदैव की भाँति एक सीखप्रद. रचना
हार्दिक आभार संदीप भाई
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