मुआवजा समय पै

एक शहीद की विधवा की दुख भरी कहानी

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 31 May, 2020 | 1 min read
#khadi boli #motherhood

अर वह शहीद राम सिंह की औरत कहां है?? वा तो काम पै गई.... 

उने बुला लाओ उसकें दस्तखत चंहा.. 

 उसें गौरमेंट् की तरफ से मुआवजा मिलेगा| वा तो खेत में गेहूं काटन गई.... तम वही चलो और दस्तखत ले लियो | , चाल भाई तेरी गैल ही चालू...  यों के काम कर री. वा भी ऐसी हालत मै इतना सारा बोझ उठा री | तू मां बनन वाली है |  के करूं... बाबूजी हमारे मरद ने तो देश की  खातर अपनी जान दे दी | लेकिन सरकारी कामों में तो टैम लगे | कब तक  राह देखूंगी मुआवजे का अर...मैं तो इंतजार करूं .... पर या जो उसकी निशानी है| या तो अपनें टैम पे ही आवेगी... उसके लिए तो कुछ इंतजाम करना होगा.... हाँ यो तो सही कहो... चल यहाँ दस्तखत कर दे अर .. एक दो फोटू खींच लूँ, ताकि कागजों की गैल लगा दूं अर तझे जल्दी से जल्दी मदद मिल जा .... हां ले लो बाबू जी हमैं भी जरूरत है... आपकी बड़ी मेहरबानी होगी| फोटू लेकर मैं खुद भी सोचूँ कि देश पे कुर्बानी करने वाले उस सपूत की बेवा को घोर कष्ट उठाने पड़ रे...क्यूँ सरकारी कामों मै इतनी ढील अपनाई जा| मैं चाह कर भी कुछ मदद ना कर पा रा | जो पैसे उसके काम ना आए टैम पै उसके बाद में मिलने सै के फायदा

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