राधिका,"अम्मा सुनो !!,"चाची मेरा काम करा देंगे क्या???हां भाई करा तो देंगी ...".अभी देखो तुम्हारा चाचा दुकान से आया है तो खाना खाने के लिए सीधा कमरे में ही जाएगा" अब तो गए 2 घंटे तू जा कर अपने आप काम कर ले.....
चाचा के पीछे चाची भी चली गई उनको खाना देने के लिए....
राधिका भी अपने काम में लग गई .लेकिन
दादी शुरू हो गई जवान बच्चे हैं घर में ऐसी भी क्या बेशर्मी की दिन में भी सबके सामने बैठकर खाना नहीं खा सकते दोनों लैला मजनू बने हुए हैं, "
हमारे जमाने में ऐसी बेशर्मी ना थी
अब तो जेठानी भी बोलने लगी, " हमें बात बनाने वाले देवर जी अब तो खुद बेशर्मी पर उतर आए हैं|
संयुक्त परिवार है सीमा की शादी को अभी एक महीना हुआ है पहले तो देवर जी का खाना दुकान पर ही जाता था लेकिन अब देवर जी खाना खाने के लिए आते हैं तो एक घंटा आराम भी करते हैं, सीमा को भी राहुल का साथ अच्छा लगता है |बेशक संयुक्त परिवार है लेकिन दोनों साथ खाना खाते हैं ...बातें करते हैं तो दोनों को बहुत अच्छा लगता है|
पता नहीं क्यों यह एक मानसिकता है???कि जो हमने ना किया वह कोई भी ना करें जबकि होना तो यह चाहिए कि जो हम लोग नहीं कर पाए उसने दूसरों को ऐसा समय व्यतीत करने के लिए मौका दिया जाए..... बच्चे तो इन चीजों को नहीं समझते लेकिन अनुभवी लोग तो अपने अनुभव से छोटों की सहायता कर सकते हैं|
शुरु शुरु में तो सीमा ने भी मना किया कि मुझे ऐसे परिवार के बीच से उठकर आने में बहुत अच्छा नहीं लगता है ऐसा लगता है कि मैं कुछ पाप कर रही हूं| तब राहुल ने उसे समझाया कि तुम्हें अच्छा लगता है तो तुम कोई पाप नहीं कर रही हो और जो तुम्हें मना करते हैं क्या वह कभी इस स्थिति से नहीं गुजरे? ? ?? और कभी अगर राहुल के आने पर वह उठकर नहीं आती तो राहुल नाराज हो जाता था तो अब उसने सोच लिया कि अगर किसी को बुरा लगता है तो लगे अब उसे राहुल को नाराज नहीं करना क्योंकि अभी तो बहुत समय चाहिए हमें एक दूसरे को समझने के लिए .....
सीमा और राहुल को भी पता है कि पीठ पीछे घर के लोग उन्हें लैला मजनू बुलाते है....
लेकिन वे दोनों बेफिक्र हैं और वह कोई पाप नहीं कर रहे हैं शादीशुदा है और जो उन्हें... ऐसा महसूस करवाते हैं वह आंखें भी उनके अपनों की ही है |अब तो सीमा सोचने लगी सासु मां को यह चीजें गलत लगती है तो उनके 5 बच्चे कैसे हैं? ?तीन दीदिया और दोनों यह भाई.... और जेठानी जी के भी तीन बच्चे हैं.. . . .
और अभी तो एक महीना ही हुआ है शादी को और सब लोग बच्चे के लिए भी बोलने लगे हैं, लेकिन हम साथ में समय गुजारे तो लैला मजनू करार दिए जाते हैं
तो भाई हमें भी पापी बनने का पूरा हक है,
एक दिन जब राहुल दुकान से घर आया तो जेठानी ने व्यंग करते हुए कहा, "जाओ भाई तुम्हारी ड्यूटी शुरू"
तब सीमा ने जवाब दिया , " ,, जी दीदी बिल्कुल आप भी यह ड्यूटी करके देखो बड़ा मजा आता है अपने लिए समय चुराना और फिर आपको ताई जी भी तो बनाना है, "
चल भाग यहां से बेशर्म कहीं की
जेठानी मुस्कुराते हुए कहने लगी... . .
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