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तारीफ सुनकर लोग बिगड़ जाते हैं लेकिन
तारीफ सुनना किसे अच्छा नहीं लगता तारीफ सुनकर तो और आगे बढ़ने का मन करता है |आज तो खुलकर अपनी तारीफ करने का मौका मिला | बचपन से ही पढ़ाई मे काफी तेज थी| गांव का माहौल था लेकिन पापा ने कभी पढ़ने के लिए मना नहीं किया बल्कि आगे बढ़कर फॉर्म भर देते थे |बस यह था कि हमें घर पर रहकर ही पढ़ाई करनी है 12th तक तो स्कूल गए लेकिन उसके बाद कॉलेज की पढ़ाई घर बैठकर ही की | हां लेकिन अखबारों में लिखना शुरू कर दिया था तब ज्यादा साधन नहीं थे तो एक-दो रचना भेजते थे तो वह पोस्ट से भेजने होती थी और वह अखबारों में छप जाती थी फिर डायरी में लिखना शुरू किया| रेडियो पर गाने सुनना कढ़ाई, बुनाई आर्टक्राफ्ट फिर घर के पास ही ब्यूटीशियन का कोर्स भी किया और घर के काम तो इतनी जल्दी कर ते थे |
10 लोगों का खाना बनाना हो तो 1 घंटे में तैयार कर देते थे,
रिश्तेदार भी पढ़ते हुए देखते थे तो बोलते थे कि तुम्हें नौकरी करनी है क्या? ??
लेकिन घर का सपोर्ट था तो बीए और उसके बाद एम ए पढ़ते ही रहे शादी होकर दिल्ली आए तो संयुक्त परिवार था | फिर घर गृहस्थी के कामों में नौकरी का दिमाग से निकल ही गया | खाना बनाना भी शौक था जो चीजें नहीं आती थी अब जमाना फोन पर देखकर बनाने का तो हर एक चीज बनाकर खिलाने में बहुत संतुष्टि मिलती थी| फिर बच्चों की जिम्मेदारी आ गई तो उसमें व्यस्त हो गए, लेकिन जब बच्चे स्कूल जाने लगे और उनके आर्ट एंड क्राफ्ट और और उनके प्रोजेक्ट को लेकर या कोई डिबेट करानी है तो टीचर भी कहती थी कि "आप अपनी मम्मी से बोलना तैयारी करा देंगे, "बच्चों का प्राइज देखकर ऐसा लगता था जैसे हमें खुद ही प्राइज मिला हो|
लेकिन इतना कुछ करने के बाद भी मन में संतुष्टि नहीं थी| लिखती अब भी थी लेकिन डायरी में...
कभी-कभी कोई कह देता था कि" तुम इतने इंटेलिजेंट हो नौकरी क्यों नहीं करते? ? ??
बच्चे भी कहते थे ,"कि मम्मी आप तो हमारे स्कूल की टीचर से भी अच्छा पढ़ाते हो तो आप हमारे स्कूल में टीचर बन जाओ" तो उनको भी यही कह देती थी ,"कि देखते जाओ तुम.... ऐसा भी एक दिन 1 दिन तो जरूर आएगा हमसे इस दुनिया में जब हर कोई बस हाथ मिलाएगा"
फिर धीरे-धीरे लिखना सोशल साइट्स पर शुरू किया नाम के आगे लिखा हुआ ब्लॉगर देखकर मन को अति संतुष्टि हुई अब तो यह सफर चल पड़ा.... कई मंचों पर लिखने लगी और लिखी हुई कहानियां और कविताएं किताबों में और अखबारों में छपने लगी है | और लोग पहचानने लगे मैं उत्तर प्रदेश के क्षेत्र से हूं तो वहां पर खड़ी बोली बहुत प्रसिद्ध है paperwiff मंच पर उत्तर प्रदेश खड़ी बोली की एंबेसडर बनाई गई
और बहुत सारी सखियां मिली जिन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है और कई बार कोई लोग कह देते हैं कि इस लिखने से क्या मिलता है लेकिन जब लिखने के बदले पैसा भी मिला तो खुद को आत्मनिर्भर देख कर भी अच्छा लगा अब तो लिखते हैं और वीडियो भी बनाते हैं| इस साल 2020 में जब सभी की नौकरियां छूट रही थी तो अगस्त से ऑनलाइन कपड़ों का व्यवसाय शुरू किया जो कि काफी अच्छा चल रहा है और सबसे अच्छी बात है कि हम अपने साथ ही और औरतों को भी आत्मनिर्भर बना सकते हैं| , कई सखियां जिन्हें जरूरत थी उन्हें व्यवसाय से जोड़ा और उनको आत्मनिर्भर बनाने में मदद की |
इस साल जब सब लोग घर घर में रहकर बोर हो रहे थे तो हमने अपनी व्यस्तताओ को बढ़ा लिया और कुछ अर्निग भी की
अब तो ऐसा लगता है कि हमारे पास वक्त बहुत कम है और काम बहुत ज्यादा| कभी किसी काम को ना नहीं कहते..... आज एक बिजनेस वूमेन हूं ब्लॉगर हूं
हां अब 2021 में मेरा लक्ष्य है कि कुछ गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए मैं कुछ कर पाऊं.. .
2020 मे इतनी मुसीबत आई तो.....एक सखी थी जिन्होंने बोला, "कि उनको कुछ पैसे की जरूरत है "अगर हम मदद भी करते तो क्या ज्यादा से ज्यादा 100 या ₹50 लेकिन उन्हें ऑनलाइन बिजनेस से जोड़कर उनको आत्मनिर्भर बनाया.. .
आप अगर किसी ऐसी सखी को जानते हैं जो खुद से कुछ करना चाहती है घर बैठे अपने आप को आत्मनिर्भर बना सकती हैं तो मुझे कमेंट में जरूर बताएं क्योंकि मुझे भी बहुत खुशी होगी...
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Wow.... 👏
Charu ji thanks
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