जब से चाचा जी की बेटी की शादी से होकर आए हो तुम कुछ उखडे हुए से हो ...सुनी हुई बातों को भी अनसुनी करके नीरज ऑफिस के लिए निकल गया ,क्या हुआ है ??? ये आजकल कोई बात सुनते ही नहीं , और अगर सुनते हैं तो अनसुना कर देते हैं पता नहीं क्यों इतना रूखा व्यवहार कर रहे हैं, आज शाम को आएंगे तो जरूर पूछूँ गी कई दिन हो गए मैं भी काम में व्यस्त थी,
शाम को नीरज आए तो खाना खाने के बाद
जैसे ही सोने के लिए जाने लगे
तो गीता सामने हाथ लगा कर खड़ी हो गई कि मैं अंदर नहीं जाने दूँगी जनाब क्यों रूठे हुए हैं??नीरज थोड़ा चिल्लाकर हटाओ.....मुझे सोने दो यह सवाल तुम अपने आप से करो| गीता को लगा कि कोई ऑफिस की टेंशन होगी........लेकिन अब तो उसी की कमी बता रहे हैं |
गीता उस समय तो हट गई लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ है ???शादी में तो बहुत खुश थे| गीता भी जाकर बच्चों के कमरे में सो गई गुस्सा तो उसे बहुत आ रहा था कि कुछ और है बात है तो बताएं कैसे पता भी नहीं चलेगा?????और बात बढ़ती ही चली जाएगी|
तभी दीदी का फोन आ गया | मैं एक बात बताऊँ कि शादी से आए हैं तब से थोड़ा अजीब सा व्यवहार कर रहे हैं बात भी अच्छे से नहीं करते हैं तब दीदी ने कहा कि मैंने शादी में उन्हें चाचा जी से बात करते हुए देखा था तुम शायद बात करो तभी पता चल पाएगा कि उनके मन में क्या है ????और चाचा जी ने क्या बातें की है??????कहो तो मैं भाई से बात करती हूं पूछ कर बताएगा कि चाचा जी ने क्या बताया ????नहीं मैं पहले मैं इनसे ही बात करती हूं बच्चों के कमरे को छोड़ गीता नीरज के पास आई .....बड़े प्यार से पूछा क्या हो गया है क्या बात हुई ???? कुछ नही चाचा जी ने तुम्हारी शादी से पहले वाले किस्सों के बारे में बताया|
शादी से पहले वाले किस्से ऐसी कौन सी बात है?????मैंने तो ऐसा कुछ नहीं किया????क्यों नमन को भूल गई तुम????
",ओहो अब सारी बातें समझ में आई.......नमन जो चाचा जी के ही एक रिश्तेदार का लड़का था, और उसकी सुंदरता और उसकी पढ़ाई लिखाई का दीवाना था एक तरफा मोहब्बत कर बैठा था ,जबकि वह उसे कभी घास नहीं डालती थी |और उसी बात को बढ़ा चढ़ाकर बताया.....जिस वजह से इनका मूड खराब है ,"गीता ने अपने पति को अब सारी बात बताई .......
"अपने घर की बेटी के बारे में क्या कोई ऐसा कर सकता है ,"अब गीता बोलती है कि काश !!!मैंने पहले ही आपको सब कुछ बता दिया होता पर
मैंने सोचा इतनी जरूरी बात नहीं है मैं तो भूल ही गई थी |लेकिन कभी भी कोई भी बात हो हमें बतानी चाहिए नहीं तो कोई इस चीज का फायदा उठा सकता है|
चाहे वह आपका सगा भी हो अब नीरज की सारी गलतफहमी दूर हो गई....
हां तो तुम सुंदर ही इतनी हो कोई करे भी तो क्या? ? ??
लेकिन जब तुम्हारे चाचा जी ने मुझे यह सब बातें बताई तो मैं ही परेशान हो गया तो ऐसे तो तुम्हारे चाचा जी जाने कितने रिश्ते खराब कराते होंगे? ? ?
नीरज बोला
सखियो!!!नीरज और गीता के बीच में तो सब कुछ ठीक हो गया| लेकिन कई बार हम सगे रिश्तो से ही धोखा पाते हैं इसलिए जो भी बात हो ....
उसे बता कर रखें!!!यह ना हो कि कोई तीसरा उस बात को अपने तरीके से बताकर फायदा उठाएं
और चाचा भी वो जिसकी बेटी की शादी में हमारे घर वालों ने खूब मदद की |गीता ने सोच लिया कि उनसे व्यवहार कम करना है और कल सुबह होते ही भाई को भी यह बातें बता देंगे ताकि उन्हें भी तो पता चले उनके सगे रिश्तों मे ही मुंह में राम बगल में छुरी है....
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