"अरे!! अभी दिवाली की सफाई भी शुरू करनी है बहुत काम है|"
"क्या तुम मम्मी की तरह शोर मचाना शुरु कर देती हो और मैं तो मदद नहीं कर पाऊंगा? और इस बार तो कोई आ भी नहीं रहा किस को दिखानी है सफाई? थोड़ी हल्की कर लेना आजकल वैसे ही काम बहुत है मैं तो समय नहीं दे पाऊंगा|" पति देव बोले|
रिचा ने कहा "आप कभी करते भी हो सफाई हमेशा ऐसे ही होता है,"देखो तुम भी उतनी करना जितने तुम्हारे बस की बात हो यह ना हो कि तुम बीमार पड़ जाओ त्योहार के टाइम पर , वैसे भी देखो पर्दे तो साफ ही लग रहे हैं बस जाले वगैरह हटा देना एक एक चीज को हटाकर क्या सफाई करनी है? ? पिछले साल ही तो वाइटवॉश कराया था|, "
अब रिचा सोचती है कि "इनको जितना कहूँगी उतना ही मना करेंगे अगर मुझे खुद से ही करनी है तो फिर क्या डिस्कस करना ??,"अगले दिन से रिचा सफाई में लग जाती है एक रूम की हर एक चीज उसने झाड़ कर, अच्छे से साफ कर दिया परदे धोकर सुखा कर वापस टांग दिये| सासू मां भी खुश थी और बोली बेटा थोड़ा आराम भी कर लो नहीं तो थकान हो जाएगी|
मैं तो घुटनों की वजह से तुम्हारी मदद नहीं करा सकती लेकिन नमन को जरूर बोलूंगी|
हां थोड़ी थकान तो हो गई लेकिन कमरा चमक उठा| अब सभी कमरे उसके सामने फीके लग रहे थे एक संतुष्टि मिली सफाई करके भी | चाहे हम रोज कितना भी सफाई कर ले यह जो बेड और अलमारियों के पीछे जाले होते हैं| यह सब दिवाली की सफाई में ही निकलता है और जेंट्स लोगों को तो यही लगता है कि पूरा घर साफ ही तो है|, "
शाम को नमन आया जैसे ही उस रूम में गया तो चारों तरफ देखते हुए बोला "आज क्या वाइटवॉश कराई है??रिचा के चेहरे पर एक विजयी मुस्कान तैर गई चलो उन्होंने नोटिस तो किया |
तभी सासू मां आ गई और बोली आज ऋचा ने पूरा दिन बहुत मेहनत की है और अब कल छुट्टी है सभी मिलकर सफाई करेंगे जो बैठकर करने की काम है वह मुझे दे देना और तुम भी इसकी मदद कर आओगे |
अब नमन ने कहा ,"बुरे फंसे... लेकिन मेरा किया हुआ काम आप दोनों को पसंद आएगा, इतनी सफाई नहीं कर पाऊंगा मैं, "
सासू मा बोले, "कोई बात नहीं जितना भी कर सको मदद करना क्योंकि एक से भले दो होते हैं अभी तो दो रूम और किचन बाथरूम बालकनी सब रहते हैं मिलकर करोगे तो 1 दिन में हो जाएगा नहीं तो रिचा करेगी तो उसको थकान भी ज्यादा हो जाएगी|, और तुम ही तो कल बहू को कह रहे थे कि घर गंदा ज्यादा कहां है? ?
,"हाँ माँ मैं करवा दूंगा जो पत्नी से करें प्यार सफाई से कैसे करेगा इंकार?? "
रिचा भी खुश हो गई, अगले दिन उसने सुबह ही खाना बना कर रख लिया फिर पूरा दिन सफाई में निकला|
नमन ने भी सोफे वगैरह हटाकर सफाई करवाई ,पंखे साफ करवाएं ,पर्दे धुलने के बाद पर्दे भी लगाए,
मिलकर करने से 1 दिन में ही पूरा घर आईने की तरह चमकने लगा |
रिचा बोली, "चाहे मैं कितना भी साफ करती मुझे एक हफ्ता लग ही जाता है क्योंकि एक दिन एक रूम करते एक दिन एक रूम इस तरीके से पुरानी सफाई गंदी लगने लग जाती आप देखो मिलकर करने से सारा घर जगमगा रहा है, "
नमन ने कहा ,"मुझे भी नहीं पता था इतनी गंदगी भी होती है, "
तभी सासू मां बोली, " त्योहार तो एक बहाना है इस बहाने घर में साफ सफाई भी अधिक हो जाती है जो कि हम रोजमर्रा में नहीं कर पाते, और जो पुरानी बेकार की चीजें हैं वह निकाल भी पाते हैं , " चलो अब सब आराम कर लो...,.
दोस्तों दिवाली की सफाई बहुत ही अहम है | जिसमें हम हर एक चीज को झाड़ पूछ कर रख लेते हैं पुरानी चीजों को कबाड़ी को दे देते हैं नई चीजों के लिए जगह बन जाती है| नमन और ऋचा ने तो मिलकर अपने घर को तैयार कर लिया दिवाली के के लिए, तो क्या आपका घर तैयार है? दिवाली मनाने के लिए और आप मिलकर सफाई कर रहे हैं या अकेले और आपके पति आपका साफ सफाई में हाथ बटा रहे हैं या नहीं अपने अनुभव कमेंट में जरूर बताएं और उनसे भी सफाई कराए क्योंकि जो पत्नी से करें प्यार व सफाई से कैसे करें इनकार?
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