खाने का अपमान

प्रेरक लघुकथा

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 05 Apr, 2021 | 1 min read
#dharma

",अरे !यह क्या गोबर बना है यह सब्जी तो मुझे बहुत पसंद थी, आज तो इसमें स्वाद ही नहीं है, " छोटे देवर ने खाना खाने बैठते ही बोल दिया , बहू को बहुत बुरा लगा लेकिन उसने कुछ नहीं बोला सासू मां से ही बोली कि ,"मांजी आप ही बना दिया करो, तब सासु मां बोली बेटा मैं तो तुम्हें अच्छा खाना ही खिलाते रही लेकिन तुमने गोबर का स्वाद कब चखा,"???जरा बताओ तो, भाभी अभी नई है धीरे-धीरे सीख रही है और खाने का इतना अपमान आज तुम्हें खाना नहीं मिलेगा?

अब देवर का मुंह देखने लायक था

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