, "अरे !!!मेरी एकलौती बहन की शादी है|, तुम अपना सब शॉपिंग कर लो मैं तुम्हें करवा देता हूं, "
लेकिन इतने पैसे हैं हमारे पास???बचा लेने चाहिए
हमे.....
"क्या यार यह थोड़े थोड़े से पैसे बचाने से क्या होता है?? तुम खुलकर खर्च क्यों नहीं करती????
ऐसा लगता है जैसे तुम लालची हो, "
कहते हुए शुभम ऑफिस के लिए निकल गया
अब रिया सोच रही है कि क्या मैं सच में लालची हो गई क्यों पैसे बचाकर रखती हूँ????
पर पता नहीं बचपन से ही ऐसी आदत है कि ज्यादा खर्च किया ही नहीं जाता जो शुभम खर्च के लिए देते हैं वह उसमें से भी बचा कर .....खर्चा कम करेगी लेकिन बचा कर रख लेगी... कभी-कभी लगता है जैसे वह पाप कर रही हो.. ..
इसी आदत के चलते शुभम ने कई बार उसको टोका भी लेकिन उसे बचपन से ही पैसे बचा कर रखने की आदत ऐसी पड़ी है कि छुटाये नहीं छूटती...
अब तो कई बार ... वह हंसी का पात्र भी बन जाती है कि बहुत लालची है|
शाम को शुभम ऑफिस में लेट हो जाता है ना ही उसका फोन मिल रहा है अब रिया परेशान हो जाती है कि ऐसा तो आज तक शुभम ने कभी नहीं किया क्या बात है ??कहां चला गया? ??
बहुत परेशान है रिया तभी बेल बजती है देखा शुभम आ गया है, कुछ परेशान सा भी है रिया देखते ही शुरू हो गई ,"अरे !!तुमने बताया भी नहीं आज कहां चले गए थे???क्या कोई मीटिंग थी ???ऐसे तो आप कभी नहीं करते ???
आपका फोन भी नहीं मिल रहा
मैं कितना परेशान हो रही थी, "
,"हां हां सब बातों का जवाब देता हूं मुझे अंदर आने दो पहले, बहुत थक गया हूं और सारा दिन घूमता रहा फिर भी कुछ बात नहीं बनी
और फोन की बैटरी भी डाउन हो गई, "
ऐसा क्या हुआ ???चलो पहले खाना खाओ फिर बताना
खाना खाते हुए भी शुभम अनमना सा था ,क्या हुआ है,?कुछ बताओगे ?जनाब
,"आज मां का फोन आया था, "
, "हां तो
क्या हुआ सब ठीक है ?ना वहां पर किसी को कोई प्रॉब्लम तो नहीं है नहीं, "
"परेशानी तो कुछ नहीं है बस पापा ने थोड़े पैसे लाने के लिए बोला है|, "
इसलिए इंतजाम करने में लगा हुआ था
मैंने इस बार कार्ड की किस्त भर दी है , फीस भी बच्चों की दे दी और मकान के भी पैसे दे दिए हैं तो इसलिए बैंक में तो इतना अमाउंट नहीं है अच्छा कितना देना है हैं
,"यही कोई 50 से 60,000 ,"
"आज 20 तारीख हो गई है सैलरी वाला कोई भी इतने कम टाइम में इंतजाम नहीं कर सकता...
पहली बार पापा ने कुछ बोला है तो मना भी नहीं कर सकता ,बहन की शादी है खर्चे तो सो होंगे 50,000 देकर क्या सवाल जवाब करता फ़िरूँगा|, "
शुभम सचमुच बहुत परेशान दिख रहा था
अरे! !!बस इतनी सी बात तो फिर सुबह फोन पर बता देते इतना परेशान तो नहीं होना पड़ता..
क्यों तुम क्या कर लोगी...??
अरे! !!जनाब आपकी लालची बीवी किस दिन काम आएगी...
अब हैरान होने की बारी शुभम की थी ,"
क्या थोड़े थोड़े से पैसे बचा कर 50 60 हजार का इंतजाम हो सकता है, "
रिया ने अपनी पासबुक लाकर दे दी ₹70,000 थे उसमें जो इस वक्त बहुत बड़ी रकम लग रहे थे लेकिन रिया यह तुम्हारे पैसे हैं, "
शुभम तुम्हारे और हमारे क्या होता है ???यह सब तो मैंने तुम्हारी खर्चों में से ही अपना लालच दिखाकर बचाएं हैं हां बस यह है कि मेरा लालच काम आ गया
,"चलो फिर मैं पापा को बोल देता हूं कि पैसों का इंतजाम हो गया है और तुम्हारा बहुत धन्यवाद मैं तुम्हें लालची कहकर हमेशा तुम्हारा मजाक उड़ाता रहा लेकिन आज एन वक्त पर तुम्हारे इन पैसों से मुझे बहुत बड़ी मदद मिली है, "
" हां शुभम हम औरतें यह सब कुछ किसी ऐसे वक्त के लिए बचा कर रखती हैं कि जो हमें एकदम से आन पड़े हमें भी नहीं पता होता, " रिया बोली
थैंक यू रिया तुमने आज बहुत मदद की पता नहीं मैं तुम्हें यह पैसे वापस भी कर पाऊंगा या नहीं.......
अरे!!पैसे वापस थोड़ी करने होते हैं यह तो हमारे आपस में दोनों के हैं हम कैसे भी इस्तेमाल करें और बस मुझे तो इस बात से छुट्टी मिल गई कि मैं लालच का पाप करती हूं , "
"नहीं नहीं अगर तुम यह पाप ना करती तो शायद आज मैं किसी मुश्किल में आ गया होता, "
सच है औरतें हमारे मुश्किल वक्त में हमें एक संबल प्रदान करते हैं और कह कर रिया को अपने गले लगा लेता है.. .
आपको यह छोटी सी कहानी कैसी लगी क्या आपने अपने लालच के चलते कभी कोई सफलता पाई है
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