प्रकृति का सोना इसको ना खोना

हमारे बड़े बुजुर्गों ने इन चीजों का ध्यान रखा तो हम खुलकर प्रकृति का आनंद उठा पाए क्या हम अपने बच्चों को वह दे पाएंगे सोचने की जरूरत है

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 22 Apr, 2021 | 1 min read
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अरे !!बेटा कपड़े बाल्टी में पानी लेकर निकाला करो और तुम भी गाड़ी पाइप से धोने के बजाय बाल्टी से धोया करो, अरे !!चिंटू यह क्या पानी खुला रहता है ?जब तक ब्रश करते हो इसे बंद कर दिया करो |क्यों सुबह-सुबह पिताजी चिक चिक करते रहते हैं अरे !!!अपने घर का ही तो पानी इस्तेमाल कर रहे हैं अब इतनी रोका टोकी चलेगी तो घर में कैसे रहेंगे??

अस्पताल में लेटे लेटे अभी यही बातें याद आ रही है ऑक्सीजन की मारामारी है|

आज हर एक सांस भारी पड़ी है अगर इस बार ठीक हो गए तो पूरा पूरा ध्यान रखेंगे प्रकृति का


पेड़ों से तो सुना था मिलती है लेकिन जब हमें एक्स्ट्रा चाहिए होती है तो हम पानी से भी हम ऑक्सीजन बना सकते हैं यह तो अभी पता चला जब इतनी कमी महसूस हुई

हाइड्रोजन और ऑक्सीजन पानी के माध्यम से एक विद्युत प्रवाह पारित करके और दो गैसों को इकट्ठा करके उत्पन्न किया जा सकता है | क्योंकि वह बंद हो जाते है ऋण आत्मक टर्मिनल पर हाइड्रोजन बनता है और धनात्मक पर ऑक्सीजन इस विधि को इलेक्ट्रोलिसिस कहा जाता है और बहुत शुद्ध हाइड्रोजन और ऑक्सीजन पैदा करता है |

तभी बड़े बुजुर्ग पानी बचाने के लिए कहते थे और हम इतनी अमूल्य चीज को ऐसे ही बहा देते हैं |

अभी भी वक्त है सुधर जाएं पीपल, नीम ,बरगद यह सब ऑक्सीजन देने वाले वृक्ष हैं इनको बहुतायत में लगाएं और पानी को जितना हो सके बचाएं,



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Varsha Sharma

varshau8hkd

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Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    बढिया

  • Varsha Sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    Sonnu ji हार्दिक धन्यवाद

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