नहीं मम्मा टीचर मना करती है प्लास्टिक के इधर-उधर फेंकने से नुकसान होता है अरे!!एक ही के करने से क्या होगा अब पिकनिक से जाएंगे तो समुद्र किनारे इतना अच्छा मजा किया अब क्या कूड़ा भरकर लेकर जाएंगे?? तुम भी अपने दादी बाबा की तरह चिक चिक करने लगे हो
बच्चे बड़े सब की बातें हमने अनसुनी की ओर आज उसी प्लास्टिक ( पी पी किट्में) खुद को लपेटकर सुरक्षित कर रहे हैं |
प्रकृति की तो कोई गलती ही नहीं है वह तो हमेशा देती हैं| हमारे बुजुर्गों ने हरा भरा रखा था पानी को बचाया था तो उसने हमें खुली हवा में सांस भी मुफ्त ऑक्सीजन दी | हमने धरती समुद्र पहाड़ सब जगह प्लास्टिक है दे दिया तो प्रकृति ने हमें वही तो लौटाया है गलती हमारी है और भुगत हमारे बच्चे रहे हैं
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