किताबे तो ज्ञान का खजाना है
किताब तो बहुत सी ऐसी है जो बचपन से पढ़ते हुए आए और उन सभी की छवि अभी तक मानस पटल पर अंकित है वह किराए पर लेकर किताब पढ़ना कॉमिक्स भी कहीं ना कहीं उनसे प्रेरणा ही मिलती थी जब सकारात्मक अंत होता था |कोर्स की किताबों से हटकर इन्हें पढ़ने में भी बड़ा मजा आता था अगर रात को किराए पर लेकर आए हैं तो सुबह तक का वक्त होता था लेकिन इंतजार कहां होता था किताबों को पढ़ते हुए ऐसा खो जाते थे कई बार डांट भी पड़ती थी लेकिन अब सोचते हैं तो कई बार मुश्किलों का हल भी उनसे निकल जाता था |
पंचतंत्र की कहानियां अपने आप ही इन किताबों के गुण हमारे अंदर आ जाते हैं|
हर कहानी को पढ़ने से पहले सोचते थे कि इसका अंत क्या होगा ???खुद से उसके अंत का अंदाजा लगाने लगते थे???
पढ़ने की इतनी उत्सुकता थी अखबार भी पढ़ डाल दे अगर कभी किसी सामान में कोई पेपर आता और उसमें कहानी होती है तो खाने का सामान बाद में खाते पहले कहानी पढ़ने लग जाते हैं, "
मम्मी के साथ रामायण सुंदरकांड पढ़ते और पापा कहानियों की किताबें पढ़ते तो कहानी उपन्यास सभी का पढ़ने का चाव लग जाता
किताबों से एक अलग ही गहरा रिश्ता था और पढ़ते हुए पॉजिटिविटी भी बहुत आती थी|
चंपक वन की सैर तो बचपन में सभी ने की होगी|
आज किताबों का से जुड़ी दुनिया के बारे में लिखने को मिला तो ऐसी एक नहीं अनगिनत किताबें हैं|
और हमारी आदतें ऐसी बन गई है कि अभी हमें पढ़ते हुए देखकर बच्चे भी पढ़ते हैं तो बहुत ही सुखद अनुभव होता है कि हां बच्चों को भी कहानियों में किताबों में मजा आता है|
क्या आपने पढ़ी इनमें से कोई किताब ? ??अपना अनुभव भी बताएं और यह भी बताएं कि क्या बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं कहानियां और कॉमिक्स
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