माँ ये पिक्चर में कितने अच्छे से बारिश का मजा ले रहे हैं | हमारे घर बारिश होती है तो हम बर्तन लेकर इधर-उधर रखते हुए फिरते है| टीवी पर आ रही पुरानी फिल्म के गाने को देखकर राधा बिटिया उदास होकर बोली| मां बोली ,"हां बेटा बारिश किसी के लिए खुशी लाती है और किसी के लिए गम" हम किसान लोग तो सोचते हैं जब फसल को जरूरत हो तभी बारिश हो तभी हमारे लिए उत्सव होता है| नहीं तो गलत समय बारिश हो जाए तो फसल बर्बाद होने का डर, " | तो मां गाना सुनकर इस पर नाच सकती हूं| हां बिटिया नाच ले और गाने गाले | तभी बारिश शुरू हो जाती है बिटिया बाहर जाकर बारिश में नाचने लगती है और कागज की नाव बनाकर तेराने लगती है |माँ उसको बड़े ही प्यार से देख रही है कितना मासूम होता है ना बचपन| बारिश की बूंद के साथ अठखेलियां करने का मन करता है लेकिन अभी तो यह फसलों को बर्बाद कर देगा एक तरफ मां को डर भी लग रहा है |लेकिन अपनी बिटिया को बारिश में नाचते गाते देखना अच्छा लग रहा है| बिटिया मां को भी बारिश में नहाने के लिए खींच लेती है मां भी बारिश में भीग रही है और अपने आंगन मे साथ-साथ सफाई भी कर रही है | और याद कर रही है किस तरह बचपन में बेफिक्र होकर घर में बारिश में झूम उठती थी |बिल्कुल अपनी बिटिया की तरह बिटिया का बचपन देखकर वह अपने बचपन को जी रही है |
अब मां को भी बहुत ही अच्छा लग रहा है कभी-कभी अपने लिए वक्त चुरा लेना चाहिए | माँ बेटी के लिए काढ़ा बना रही है और बेटी घर में जिस जगह पानी टपक रहा था वहां बर्तन रख रही है|
बड़े होकर भी कई बार हम चिंताओं से घिर जाते हैं लेकिन अगर बचपन को जिंदा रख ले अपने अंदर तो हम जिंदगी का मजा ले सकते हैं
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