मेरी मां
मेरे लिए भगवान की मूरत हो ,माँ तुम सबसे खूबसूरत हो
मुझे जिसकी जरूरत है ,हर वक्त तुम हो
त्याग तपस्या, आत्मविश्वास से भरपूर हो मां
इन दो शब्दों में पूरा संसार समाया है|
तुम्हें परिभाषित कर सकूं ऐसी मेरे लेखनी में ताकत कहां...... बस प्यार से पुकारू मां....
मा ऐसी कविता है जो हर सुनने वाले के दिल में उतर जाती है, मां बागों के फूलों की तरह नजर आती है
मां मेरा इंद्रधनुष है,,ईश्वर का दिया हुआ नायाब तोहफा है
आपकी परछाई बनकर सदा आपके साथ रहना है
तेरा नाम लेकर ही मैं बचपन में खो जाती हूं|
नौ महीने कोख में पालने के लिए
गीले बिस्तर में सोने के लिए
बिन कहे समझ जाती है तुम्हारे मन
की हर बात चाहे कोई भी उम्र हो सदा
देती है तुम्हारा साथ ,,गोदी में सर रखकर
तुम्हें बचपन का एहसास कराती है ,तुम्हारी गलतियों कि माफी है ,, तुम कोई गलत काम करो तो
तुम्हें सुधारने के लिए बस माँ ही काफी है
वर्षा शर्मा
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