सुहास अपनी पत्नी निहारिका से बोला कि निजी बातों को अपनी सहेलियों को बताने की क्या ज़रूरत है।ऐसा सुनते ही निहारिका बिफर पड़ी और बोली अब अपनी सहेलियों से मुझे क्या बात करनी है ये भी तुमसे पूछना पड़ेगा क्या? मैं पढ़ी लिखी नौकरी करती हुई आधुनिक नारी हूं ,किसी के दबाव में आने वाली नही।अगर तुम मुझे परेशान करोगे तो मैं घरेलू हिंसा के अंतर्गत तुम्हें जेल की हवा खिलवा दूंगी या फिर तलाक ले लूंगी। सुहास अपना सिर फोड़ता हुआ बोला बात का बतंगड़ बनाना कोई तुमसे सीखे,और ऐसा कहते हुए वो बाहर निकल गया।
बात का बतंगड़
बात का बतंगड़ बनाना अच्छी बात नहीं
Originally published in hi
Vandana Bhatnagar
21 Apr, 2021 | 1 min read
Summershortstoriea
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