शबनम की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। आखिरकार दो साल बाद उसके शौहर अब्बास दुबई से अपने घर मुंबई वापस आ रहे थे। निकाह होने के हफ्ते भर बाद ही वो काम के सिलसिले में दुबई चले गए थे ।बस फोन पर ही शबनम की कभी कभी उनसे बात हो पाती थी। उनके आने की सुनकर शबनम ने अब्बास की पसंद की सारी चीज़ें तैयार कर ली थीं और खुद भी सज संवरकर उसके इंतजार में पलके बिछाए बैठी थी ।मुंबई एयरपोर्ट पहुंचने पर अब्बास का फोन शबनम के पास आया और वह बोला कि मेरे साथ वहीदा भी आ रही है। मैंने दुबई में उसके साथ निकाह कर लिया था। उसको देखकर तुम कोई फसाद मत खड़ा कर देना। शबनम जो अब तक इस बात से अनजान थी, इस बात को सुनकर एकदम आगबबूला हो गई और अब्बास को खरी-खोटी सुना दी। अब्बास ने भी आव देखा ना ताव और" तलाक तलाक तलाक" कहकर उसे फोन पर ही तलाक दे दिया। तलाक की बात सुनकर शबनम के हाथ से फोन छूट कर नीचे गिर गया और वह सुध बुध खो कर फूट-फूट कर रोने लगी। जब रोकर उसका जी शांत हो गया तो उसने अपने आप को धिक्कारा" कि तू उसके लिए रो रही है जिसने तेरे साथ छल किया और जिसे तेरी कोई कद्र नहीं"।वो वहां से उठी फिर अपनी अटैची में अपना ज़रूरी सामान एवं सर्टिफिकेट की फाइल रखकर अपने शिक्षा के हुनर से अपनी ज़िंदगी को नई दिशा देने की सोचते हुए उस घर को छोड़कर चल दी।
छल
पति पत्नी के बीच छल की कोई जगह नहीं है
Originally published in hi
Vandana Bhatnagar
22 Apr, 2021 | 1 min read
Summershortstoriea
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