मेरी प्यारी हिंदी भाषा

हिंदी भाषा ही नहीं पथ प्रदर्शक भी है

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Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 12 Sep, 2021 | 1 min read

मेरी प्यारी हिंदी भाषा



हिंदी भाषा,केवल भाषा ही नहीं 

पथ प्रदर्शक बन हमें राह दिखाती है

परस्पर प्रेम से मिलजुलकर कैसे रहें हम

ये स्वर और व्यंजन के द्वारा सिखाती है

कैसे बनें सहारा कमज़ोर लोगों का

आधे अक्षरों को देकर सहारा हमें बताती है

छोटी, बड़ी मात्राओं के दम पर ये कुछ का कुछ कर जाती है

होता है महत्व हरेक का परिवार में ,यही संदेश हम तक पहुंचाती है

प्यार से दूसरी भाषा के लफ्ज़ों को समाहित करती जाती है

देना सम्मान हरेक को इस तरह ये हमें सिखाती है

शब्द पर पड़ी लाइन हमें यही दर्शाती है

सिर पर हो हाथ बड़ों का तो शख्सियत निखरकर आती है

संधि,समास, अलंकार,मुहावरे, लोकोक्तियां बनाती हैं इसको खास

मातृभाषा है मेरी ये,आती है मुझको बहुत रास


मौलिक रचना

वन्दना भटनागर

मुज़फ्फरनगर

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