महान शख्सियत
दो अक्टूबर को जन्मी थीं दो शख्सियत महान
महात्मा गांधी और शास्त्री जी हैं वो, जिनका करता देश सम्मान
थे साधारण कद काठी के, पर मज़बूत थे ऐसे जैसे चट्टान
थे सादगी की मूरत व भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठ पहचान
घमंड तो दोनों को ही ज़रा भी न छू पाया
अपनी प्रतिभा का लोहा उन्होंने सारे जहां में मनवाया
गांधी जी ने जहां अहिंसा का पाठ पढ़ाया
वही शास्त्री जी ने पाठ कर्तव्य का सिखाया
गांधीजी के आंदोलनों का हुआ ये असर
देश छोड़ भागे अंग्रेज़, हुई ना फिर उनकी यहां बसर
सन पैंसठ में जब हमलावर हुआ पाकिस्तान
"गरीबी में रह लेंगे ,भूमि नहीं देंगे" शास्त्री जी ने लिया था ठान
उनके दिये नारे ने लोगों में भरा ऐसा जोश
धूल चटा दी पाकिस्तान को ,उड़ा दिये उसके होश
सशरीर नहीं हैं अब दोनों ही,पर आदर्श हैं उनके विद्यमान
बसे हैं दिलों में वो हमारे, हैं हमारे देश की वो शान
चाहत यही थी उनकी "देश में हो तरक्की और रहे अमन
भारत मां के दोनों लाल को, जन्मदिन पर कोटि-कोटि नमन
मौलिक रचना
वन्दना भटनागर
मुज़फ्फरनगर
#1000कविता
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