वसुधैव कुटुंबकम्

पूरी दुनिया एक परिवार है

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Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 25 Feb, 2021 | 0 mins read
#1000कविता



वसुधैव कुटुंबकम की धारणा को करना चाहिए हमे साकार

कितना खूबसूरत दिखेगा फिर हमें ये संसार

ना सीमा का झगड़ा होगा, ना आंतक का मुद्दा होगा

ना खूनखराबा होगा, ना मचेगा चारों ओर हाहाकार

ना कोई फिर दुःखी होगा, ना समझेगा अपने को कोई लाचार

होगा सबके बीच बस फिर भाईचारा और प्यार ही प्यार

मुंह ताकते रह जाएंगे घृणा, वैमनस्य ,आंतक और अहंकार

हरेक का सपना होगा फिर, आयें हम इस धरती पर बारम्बार

मौलिक रचना

वन्दना भटनागर

मुज़फ्फरनगर

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Vandana Bhatnagar

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