धरती का कर्ज़

धरती को हरा भरा बनाना है

Originally published in hi
Reactions 0
358
Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 21 Feb, 2021 | 1 min read
#1000कविता

सदियों से ये धरती हमें पालती आई है

 गोद में अपनी ये दुलारती भी आई है

पर हमने दिये इतने ज़ख्म वो कराह रही है

मरहम लगाने को वो पुकार रही है

चुका नहीं सकते कर्ज़ धरती का पर फर्ज़ अपना निभाना है

हर कीमत पर इसे प्रदूषण मुक्त कराना है

संरक्षण रूपी यज्ञ में हरेक को आहुति देनी है

संसाधनों के किफायती प्रयोग की शपथ सबको लेनी है

लोभवृत्ति और शक्तिशाली होने की होड़ से हमको बचना है

पॉलिथीन से करके तौबा, रीसाइक्लिंग की दिशा में बढ़ना है

बिछानी है चादर हरियाली की, ऑर्गेनिक फूड का सेवन करना और कराना है

हमें हर हाल में धरती को स्वच्छ और सुंदर बनाना है

जिस दिन धरती मां पहले सी मुस्कुरायेगी

मानव जाति भी कर्ज़ थोड़ा सा उतार पायेगी


मौलिक रचना

वन्दना भटनागर

मुज़फ्फरनगर

0 likes

Published By

Vandana Bhatnagar

vandanabhatnagar

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.