जब दांव उल्टा पड़ा

गलत सीख नहीं देनी चाहिए

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Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 15 Jan, 2021 | 1 min read




मम्मी, मैं दादी की टोकने की आदत से बहुत परेशान आ गया हूं। जब भी मेरे दोस्त आकर मेरे साथ मोबाइल पर गेम खेलते हैं तो कभी कहती हैं ज़्यादा मोबाइल देखने से आंखें खराब हो जायेंगी, कभी कहेंगी कि ऐसे विध्वंसक गेम खेलने से सोच भी विकृत हो जाती है, कभी कहेंगी मोबाइल पर गेम खेलने से अच्छा है कुछ दौड़ भागने के गेम खेल लिया करो कुछ एक्सरसाइज ही हो जाएगी घंटों एक जगह बैठे रहने से चर्बी ही चढ़ती है। और तो और जब मैं चिप्स या ऐसे ही कुछ जंक फूड खाता हूं तो कहती हैं यह सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है, घर की बनी अच्छी पौष्टिक चीज़ें खाया करो। बस सारा दिन लेक्चर ही देती रहती हैं। अब मेरे दोस्त घर पर आने से बचते हैं। अमित यह सारी बातें एक सांस में अपनी मां विनीता से कह गया। उसकी बात सुनकर विनीता बोली वो तो अपनी टोकने की आदत से मजबूर हैं पर तुम इतनी बात सुनते ही क्यों हो? उन्हें पलटकर जवाब दे दिया करो। अब अपनी मम्मी की शह पाकर अमित दादी को पलट कर जवाब दे दिया करता और विनीता मन ही मन बहुत खुश होती।


 एक दिन अमित अपनी मां से ही किसी बात पर ज़ोर ज़ोर से बहस कर रहा था और उसे अनाप-शनाप भी कह रहा था तभी एक झन्नाटेदार चांटा उसके मुंह पर पड़ा जो उसकी दादी ने ही मारा था।वो बोलीं शर्म नहीं आती अपनी मां से इस तरह से बदतमीज़ी करते हुए।तेरे लिये क्या क्या पापड़ नहीं बेले इसने।आज ज़रा सा बड़ा क्या हो गया तो तेरे पर निकल आये। बड़ों की इज़्ज़त करना सीखो उनका अपमान करना नहीं,जीवन में सुखी रहोगे। वो आगे बोलीं कुछ दिन से देख रही हूं कि तू मुझे भी पलटकर जवाब देने लगा है पर तेरा बचपना समझकर नज़र‌अंदाज़ कर देती थी पर अब और नहीं।तेरी हिम्मत ही बढ़ती जा रही है।अमित ने विनीता की ओर देखा,विनीता को आज अपने ऊपर बड़ी शर्म आयी।वो सोचने लगी कि एक मैं हूं जो बेटे को दादी को पलटकर जवाब देने की सीख दे रही थी जबकि वो बेटे को मेरी इज़्ज़त करने की सीख दे रही हैं।अचानक ही वो अपने अंदर बदलाव महसूस करने लगी और सोचने लगी कि अब ना तो वो खुद उनके लिये गलत सोचेगी और ना ही बेटे को ग़लत बोलने देगी।झगड़ा खत्म होने पर अमित और उसकी दादी तो अपने कमरे में चले गये और विनीता अपने काम में लग ग‌ई।


मौलिक रचना

वन्दना भटनागर

मुज़फ्फरनगर

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Vandana Bhatnagar

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    शिक्षात्मक

  • Vandana Bhatnagar · 3 years ago last edited 3 years ago

    संदीप,आपका हार्दिक आभार

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