ज़िन्दगी

ज़िन्दगी एक सफर है

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Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 25 Feb, 2021 | 0 mins read
#1000कविता

जिंदगी तो है एक अनजाना सफर

कब क्या हो जाए, किसको खबर

कब हो जाए कोई अच्छा खासा बेघर

कब चमक जाए किसी का मुकद्दर

सोचते यही सब, हो जाये अच्छे से उसकी बसर

कर ले पार ज़िंदगी की वो कठिन डगर

भक्ति प्रभु की और अच्छे कर्म बना देते हैं आसां ये सफर

नहीं लगता डर फिर हो चाहे कैसा अंजाना सफर

जिंदगी बन जाती है एक सुहाना सफर

मिल जाता है जब हमें कोई सच्चा हमसफ़र


मौलिक रचना

वन्दना भटनागर

मुज़फ्फरनगर

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Vandana Bhatnagar

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