प्यारी देवी मैया

देवी मैया की महर

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Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 20 Feb, 2021 | 1 min read
#1000कविता

मैया की होती है जिस पर भी महर

टूटता नहीं उसपर कभी दु:खों का कहर

सुख चैन से रहता है वो आठों पहर

खुशियां बेताब रहती हैं आने को उसके दर

यश, समृद्धि,धन सम्पदा से होता है नज़दीकी नाता

राह में उसके ना कोई रोड़े अटका पाता

राजा हो या रंक, हैं सब उनकी नज़र में समान 

चढ़ावे में ना चाहिये हीरे मोती,बस भक्तिभाव पर देती हैं ध्यान

अपने भक्तों की रक्षा को रहती हैं हरदम तैयार

संवारकर जीवन, करती हैं उनका उद्धार

मां,आपके आगे लगती है फीकी ये दुनिया सारी

बनाये रखना कृपा अपनी सदा, यही है विनती हमारी

पर करते हैं जो नारी शक्ति के संग दुराचार

देना दंड उनको,ना सुनना उनकी कभी पुकार



मौलिक रचना

वन्दना भटनागर

मुज़फ्फरनगर

#1000कविता

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