Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 23 Apr, 2021
धरती माता
सदियों से ये धरती हमें पालती आई है गोद में अपनी ये दुलारती भी आई है पर हमने दिये इतने ज़ख्म वो कराह रही है मरहम लगाने को वो पुकार रही है चुका नहीं सकते कर्ज़ धरती का पर फर्ज़ अपना निभाना है हर कीमत पर इसे प्रदूषण मुक्त कराना है संरक्षण रूपी यज्ञ में हरेक को आहुति देनी है संसाधनों के किफायती प्रयोग की शपथ सबको लेनी है लोभवृत्ति और शक्तिशाली होने की होड़ से हमको बचना है पॉलिथीन से करके तौबा, रीसाइक्लिंग की दिशा में बढ़ना है बिछानी है चादर हरियाली की, ऑर्गेनिक फूड का सेवन करना और कराना है हमें एक दिन नहीं हर दिन पृथ्वी दिवस मनाना है आने वाली पीढ़ी को हमें अमूल्य सौगात देनी है उन्हें हर हाल में स्वच्छ और सुंदर धरा सौंपनी है मौलिक रचना वन्दना भटनागर मुज़फ्फरनगर

Paperwiff

by vandanabhatnagar

23 Apr, 2021

#पृथ्वी दिवस

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