जय हिंदी

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Shakeb
Shakeb 16 Sep, 2019 | 1 min read

'जय हिन्द' और 'जय हिंदी' का ऐसा शोर मचाते हैं,


त्योहारों की तरह आज हम 'हिंदी दिवस' मनाते हैं,




हिंदी के शब्दों में ऐसे, उर्दू की आहट झलके,


घुली-मिली बहनों में जैसे, चाहत ही चाहत छलके,


संस्कृत ने संस्कारों से, कुछ इस तरह श्रृंगार किया,


माँ ने अपनी बेटी को हौ, जिस तरह तैयार किया,




संबंधों से सजी हुई, सहज और सरल हिंदी,


प्रेम की इस भाषा को, फिर प्रचलन में लाते हैं,


'जय हिन्द' और 'जय हिंदी'...




 तहज़ीबों का संगम करते, हमने देखा है हिंदी,


भारत में बहती नदियों सी, जीवन रेखा है हिंदी,


आशा है, अभिलाषा है, हिंदी ही मातृभाषा है,


'अनेकता में एकता' की, हिंदी ही परिभाषा है,




सत्य वचन की देवी हिंदी, ज्ञान ही सिखलाती है,


इसी ज्ञान को आओ मित्रों, जन-जन तक पहुंचाते हैं,


'जय हिन्द' और 'जय हिंदी..




शपथ करें की हम-तुम मिलकर, यही कहानी बोलेंगें


राष्ट्र-धर्म समतुल्य है हमको, यही जुबानी बोलेंगें,


अनुदेशों पर महापुरुषों के, प्रेम-वाणी बोलेंगे,




गर्व से अब हम हिंदुस्तानी, हिंदुस्तानी बोलेंगें,


 उठ जाते है, जग जाते हैं, अपना ज़ोर दिखाते हैं,


निज भाषा का सारे जग में, फिर परचम लहराते हैं,


'जय हिंद' और 'जय हिंदी' का ऐसा शोर मचाते हैं |

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