कछु देना पेला हम अपने पूरे परिवार के संगे अपने रिश्तेदार के ब्याओ में जाबे के लाने निकरे ते। हम सबरे ट्रेन के एसी कोच में अपनी अपनी जंगा पे बैठ गए। रात को सफर हतो सो सबरन ने चदरा बेछाओ और पर रये। लेकेन मोये सफर में नींद नाइ आउत ती सो मैंने अपनो फ़ोन निकारो और चलाऊन लगो। कछु देर में एक स्टेशन पे एक औरत अपने बच्चा खा लेके चढ़ी उके पछारु एक आदमी बड़ो सो बक्सा लेके चढ़ो। देखबे में लग रओ तो की उ आदमी उको पति है। मैंने एक नजर से उन और खा देखो और फेर अपने फोन में लग गओ।
उ परिवार मोरी सीट के सामने ही नेचे चदरा बिछाओ और बैठ गओ। औरत बच्चा खा ओली में पार के सोलाउन लगी। तनक देर में टीटी आओ। मैंने अपनी टिकट निकार के देखा दइ। फिर टीटी उनके एगर गओ और टिकट देखाबे का कई। उनकी बातन से लगत तो के उनलो टिकट नइया सो टीटी ने उने जनरल डब्बा में जाबे के लाने कई। और जल्दी डब्बा से उतरबे खा बोलो और एसी डब्बा में चढ़बे को जुर्माना देबे के लाने बोलन लगो। इतने में बा औरत गिड़गिड़ान लगी।
"गरीब आदमी है साब मजदूरी करत है इत्तो जुरमानो का से देबी। माफ कर देयो। अनपढ़ है इत्तो पतो होतो के जो डब्बा दुसरो है सो काय खा चढ़ते।"
लेकेन टीटी मानबे खा तैयार नाइ तो। हल्ला सुन के डब्बा के और जने भी जगन लगे ते। सब अपनी अपनी।सीटन से मुंडी निकाल के झांक रये ते लेकेन सबरे चुप हते। उनकी दशा देख के अब मोसे रओ नाइ गओ। मैंने टीटी खा अपने एंगर बुलाओ और जुर्माने के पइसा दे दये। टीटी बिना कछु बोले चुपचाप चलो गओ। मोरी बीवी जो मेरी ठीक सामने वाली सीट में हती मोखा घुरके देखन लगी और गुस्सन में मोरी तरफ पीठ देके दूसरी ओर करोटा ले लओ। बा का कहबो चाहत ती मैं समझ तो गओ तो ट्रेन से उतरबे के बाद लंबो चोड़ो भाषण मिलबे वालो है जो भी मैं समझ गओ तो लेकेन उन गरीबन के चेहरा और उ औरत के ओली में परो मासूम बच्चा खा देख के न जाने का भओ की मैं उनकी मदद करबे से रोक नाइ पाओ। जरूरतमंद की मदद करबे की मोये बड़ी खुशी हो राई ती।
अगर आपके संगे भी कबहु ऐसी घटना होये और अगर आप कोउकी मदद करबे के काबिल होये तो मदद जरूर करिये। कायसे हमाओ अच्छओ कर्म ही हमें आदमी बनाउत है वरना हम में और माटी के पुतला में कोनऊ अंतर नइया।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.