मेहनत को फल

सफलता देबे के पेला ईश्वर हमाई परीक्षा लेत है

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umesh kushwaha
umesh kushwaha 28 Jun, 2020 | 1 min read
Bundelakhndi Language

नारायण खा पढ़बे को बड़ो शौक हतो। एइसे पढ़बे लिखबे में भी हल्के से होशियार हतो। लेकेन गरीबी उकी पढ़ाई में सबसे बड़ो रोड़ा हती। स्कूल के मास्टरजी नारायण की मेहनत पे पढ़े खुश रात ते एइसे कई बेर तो मास्टर जी ने होनहार नारायण खा अपनी जुगाड़ से पुरानी किताबे ला देत ते। नारायण ने 9वी बड़े अच्छे नम्बर से पास कर लाई हती। ई साल दसवीं में दाखिला।हो गओ। मास्टर जी ने नारायण को बताओ कि अगर उ दसवीं में मेरिट में आ गओ तो उकी आगे की पढ़ाई को खरचा सरकार कर है। लेकेन उके लाने बहुत मेहनत करने आ है। 


नारायण ने जब जा बात अपने बापू खा बताई तो उनने भी नारायण खा जी जान से मेहनत करबे खा कई। और आज से खेत मे काम करबे के लाने भी मना कर दओ और पुरो ध्यान पढ़ाई में लगावें के लाने के दई। अब तो नारायण जी जान से मेहनत करबे में लग गओ। उखा न खाबे को होश रातों न सोबे को। कबहु कबहु तो गाँव मे लाइट भी नाइ होत ती तो लालटेन के उजयारे में पढ़त तो। नारायण ने ठान लाई ती की कछु भी हो जाये उ मैरिट में तो आके ही रह है। लेकेन किस्मत और भगवान भी शायद उकी परीक्षा लेबो चाहत तो नारायण के पिताजी खा लकवा मार गओ। अब बे न खेत मे काम कर सकत ते न ही मजदूरी। लेकेन काम न कर है तो खाहे का। आस पड़ोसी और रिश्तेदार आये और दुख जता के चले गए। नारायण खा समझ मे नाइ आ रओ तो के अब पढ़ाई करे के काम करें। लेकेन बापू की दवाई और पेट भरबे के लाने काम करबो तो जरूरी है। सो नारायण ने किताबे एक कोद रखी और काम करबो शुरू कर दओ। अब उ स्कूल भी नाइ जा पाउत तो। ओते नारायण के स्कूल न आबे से मास्टर जी भी परेशान ते। एक देना मास्टर जी नारायण के घरे जा पहुँचे। नारायण अपने बापू के लाने चूल्हे पे रोटी बना रओ तो।


मास्टर जी ने नारायण खा अपने एंगर बोलाओ ओर बोले  जब जीवन अपार कठिनाइयों से गुजर रओ होये तो समझ जाओ की सफलता दूर नइया। तोमाये घाई बेटा पा के तो तुमाए बापू धन्य हो गए। जे लो नोट्स इनमे सबइ प्रेश्ननन को हल है अब पढ़बे के लाने तुमे स्कूल आबे की जरूरत नइया तुम घर मे राके भी पढ़ सकत हो और अपने बापू जी की सेवा भी कर सकत हो। 


नारायण ने दिन रात लगन से मेहनत करी। देन में खेतन में काम करतो और रात के पढ़तो। आखिरकार नारायण के मेहनत और मास्टर जी को सहयोग रंग लाओ और नारायण खा मैरिट में दुसरो नम्बर लगो।अब नारायण को जीवन बदलबे वालो तो।

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