फूल बिखरे है चारो तरफ,
पर उसका कद्र करने वाला कोई नहीं।
ये करो वो करो तो सब कहते है,
पर उसका रक्षा करने वाला कोई नहीं।
सब कुछ इसके अपने पर छोड़ देते हैं,
पर निंदा करने को सबसे पहले आते हैं।
ख्याल रखना तो दूर की बात,
इनकी इज्जत करना भी नहीं जानते हैं।
लड़की हो या पुष्प,जीवन सब में होता है,
यही बात तो बहुतों को समझ नहीं आता है।
अपने वाटिका को तो सजा कर रखता है।
पर दूसरों के घर आंगन को निचोड़ जाता है।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.