दोस्ती

एक दूसरे से मिलते ही, होती है हमारी गालियों से बात।

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Sanoj Kumar
Sanoj Kumar 02 Aug, 2020 | 1 min read
friend friendship poetry dosti yaari

एक दूसरे से मिलते ही,

होती है हमारी गालियों से बात।

फिर भी कभी नहीं छोड़ते,

हम एक दूजे का साथ।


लड़ाई झगड़े तो चलते रहते है,

इन सब से दोस्ती भी निखरते है।

हम चाहे लाख बुरा कह ले उसे,

कोई और कह दे तो झगड़ा कर लेते है।


रिश्तों को लेकर करते है हम खिचाई,

राह भटकने पर हमने भी है लेक्चर सुनाई।

वह हमसे ज्यादा ना आगे बढ़ जाए,

इसलिए हम करते है साथ में पढ़ाई।


कोई छुप-छुप कर पढ़ा करते है,

तो कोई अपने प्यार में ही खोए रहते है।

आते है तो कई रिश्ते को पीछे छोड़,

यहां आकर हम एक परिवार बन जाते है।

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Sanoj Kumar

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