सालगिरह

Anniversary poem

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Sanoj Kumar
Sanoj Kumar 09 Feb, 2021 | 0 mins read
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साथ जन्म के वादें को आज,

एक और साल हो गया।

कुछ खट्टी मीठी यादों के सहारे,

इनका शुरुआती दौर खो गया।


बच्चो के आने से,

ज़िम्मेदारी थोड़ा बढ़ गया।

उनके मुस्कान देख,

इनका गुस्सा भी फूस हो गया।


बड़ों के आशीर्वाद से,

इनका रिश्ता गहरा हो गया।

शादी के पवित्र बंधन का,

आज सालगिरह आ गया।


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Sanoj Kumar

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