हार क्यों मानना

A poem on depression

Originally published in hi
Reactions 0
561
Sanoj Kumar
Sanoj Kumar 29 Jun, 2021 | 0 mins read
scribble thehiddenwritersk

दूसरों से खुशी की अपेक्षा क्यों रखना?

तुम अपने आप को खुश रख सकते हो।


औरों की बात सुन क्यों चिंता करना?

तुम बातों की गहराई को स्वयं समझ सकते हो।


बात–बात में क्यों चिड़चिड़ा जाना?

तुम शांत चित से काम ले सकते हो।


गिरने की डर से क्यों रूक जाना?

तुम स्वयं हिम्मत से लड़ सकते हो।


लोगों की बात पर क्यों कदम उठाना?

तुम सोच समझ कर खुद सही निर्णय ले सकते हो।


एक साथ ज्यादा काम का क्यों बोझ उठाना?

तुम स्थिरता से हर कार्य को पूरा कर सकते हो।


कठिन समय को क्यों चुनौती देना?

तुम थोड़ा ठहर, वक्त को मात दे सकते हो।


सफल ना होने के भय से क्यों घबराना?

तुम अपने मेहनत से सफलता प्राप्त कर सकते हो।

0 likes

Published By

Sanoj Kumar

thehiddenwritersk

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.