उसकी चाहत

It's a poem on love

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Sanoj Kumar
Sanoj Kumar 06 Feb, 2021 | 0 mins read
#1000poems thehiddenwritersk

उसके दीदार की चाहत में,

मैं हर सुबह जल्दी उठता हूं।

नहीं हुआ मिलन हमारा तो,

सारा दिन मायूस सा रहता हूं।


उसके एक नज़र देखने से,

मैं सुखमय हो जाता हूं।

यदि वो मुस्कुरा कर देख ले तो,

मैं खिलखिला उठता हूं।


अपनी ख्वाहिश सीने में दबा,

उसे खुश रखना चाहता हूं।

उसे कुछ पसंद आ जाए तो

उसके कदमों में रखना चाहता हूं।


हां प्यार वो नहीं करती मुझसे,

पर मैं तो बेइंतहा करता हूं।

उसे खुश देख, किसी और के संग,

उसकी खुशी में खुश हो जाता हूं।

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Sanoj Kumar

thehiddenwritersk

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