"पतंग "

This writes up is basically written for kite festival of India by a very young published Indian writer Teesha Mehta . Do like and share with your friends if u love the work . teeshamehta30@gmail.com

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Teesha Mehta
Teesha Mehta 14 Jan, 2020 | 1 min read

प्राणधारणा के शब्द मैले में मैं एक नन्हीं सी मुसाफिर ,

मेरे जिस्म की महक से मेरी हँसती को बतलाती फिर ।

दिल की आरजू पर कोई रखे तराजू यह मुझे स्वीकार नहीं ,

जिन्दगी में रंग भर , मैं देती आकार ।

नील गगन में हैं मेरा आशियाना ,

पंखों में उड़ान भर मुसिबतों से करना हैं सामना।

आकाश में उड़ान से न मैं डरती ,

दिल के ज्जबातों को मैं बयाँ हैं करती ।

मंजिल दूर पर सपने को हैं पाना ,

खेल में सर्वप्रथम हैं आना ।

गगन को शब्दों की पहनाती मैं माला ,

मैं पंतग आओ तुम्हें दिखती मेरी कला ।

- टिशा मेहता

( पंद्रह वर्ष की हिन्दी तथा अंग्रेजी की लेखिका )

Email id : teeshamehta30@gmail.com

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