पुकारती जन्मदात्री पुकारती......
रंग-रूप , वेशभूषा छोड़ एक होने को पुकारती !!
ज़िन्दगी खोजती चलती सुरो में अपना गीत-संगीत ,
आशाओं के पन्ने पलटती ,
रंगीन यादो में लिखती,
देखती चलती शहीदों की कहानियाँ-कुर्बानियाँ;
खेलते चलते ये यादे, ये वादे अपना खेल ,
मैदान न सही ,
भारत के दिल-दिल्ली से ,
नरेन्द्र मोदी छोड़ते चलते विश्व में -
माई तेरी छाप।
बढ़ चलो साथियों , कदम-कदम रच दो इतिहास नवीन ,
ये देश तुम्हारा , ये देश तुम्हारा न करो भ्रष्टाचार से इसकी हत्या ,
निभाते चलो देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियाँ ,
क्यों इतना दर्द ? क्यों इतना गुस्सा ? एक हैं , एक हैं , एक ही रहेगें हमेशा ।
इस मोड़ तोड़ न देना हमारे वतन के सुर ,
दिल की बस एक आरजू , तराजू में न रखना हमारे देश की तकदीर।
चलते चलो इस जिन्दगी के सफर में ,
लिखते चले जवान माई तेरा ही तेरा ही नाम ।
पुकारती जन्मदात्री पुकारती........
रंग-रूप , वेशभूषा छोड़ एक होने को पुकारती ।
पुकारती.... ।
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