taruna choudhary
02 Aug, 2020
मेरे दोस्त
कुछ दोस्त है मेरे जो बिल्कुल नहीं बदले
और
न मुझे बदलने देते है,
ये सुबह- सुबह नए उगते सूरज से हैं,
मैं यादों की खिड़कीयों से झाँककर अपने दोस्तों को देखती हूँ,
और चाहती हूँ कि ये हमेशा यूँ ही दिखे,
हँसते, झगड़ते,मेरे हाथ थामें.....
Paperwiff
by tarunachoudhary
02 Aug, 2020
दोस्ती
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