सेहरा सजा है या सज़ा है

Poetry about untold thoughts

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Shah  طالب  अहमद
Shah طالب अहमद 30 Jul, 2021 | 1 min read
Love , Poetry Happiness

पेशानी : मत्था, forehead.

अहबाबों : दोस्त , friends.

नफ्स : नस , vein .

ज़ेब :  शोभा , suit .

एहतिमाद : भरोसा , believe .



फ़िर किसी ने किसी को धोखा दिया , गलत पेशानी पर कोई सेहरा सजा है।

किसी के अहबाबों यारों में जो भाभी बनी थी, किसी और की , मेंहदी का रंग उसपे गहरा चढ़ा है। 


आसमानों की अचानक ये बारिश कह रहीं है।

आज फिर किसी नफ्स ए कलाई का कटना बदा है।


वो जो ज़माने से छुप कर एक हो चूके थे ।

अब ज़ाहिर में उनको बटना पड़ा है।


शायद मेरे कलम को ये बातें ज़ेब ना दे ।

मगर मुझे ज़माने के एहतिमाद का करना भी क्या है।


NAME : शाह طالب Ahmed

INSTA : ShahTalibAhmed

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Shah طالب अहमद

talib

Comments

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  • sabit ahmad · 3 years ago last edited 3 years ago

    Behad khoobsurat Alfaaz

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