यूँही नहीं आप मौत को चकमा दे लौट आते है।
डॉक्टर्स अपना फर्ज़ निभाते है।
यूँही नहीं आप वबा में भी मुस्कुराते है।
डॉक्टर्स अपना फर्ज़ निभाते है।
यूँही नहीं आप सब खो कर फिऱ से पाते है।
डॉक्टर्स अपना फर्ज़ निभाते है।
यूँही नहीं किलकारियों सुन पाते है।
डॉक्टर्स अपना फर्ज़ निभाते है।
यूँही नहीं अपनो के साथ ज़्यादा वक़्त बिता पाते है।
डॉक्टर्स अपना फर्ज़ निभाते है।
यूँही नहीं इंसा होकर भगवान का रूप कहलाते है।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत बढ़िया
Very nice 💐💐
Very nice
Thanks alot all of you
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