इज़्ज़त और मोहब्बत ।

One more love story...

Originally published in hi
Reactions 0
745
Shah  طالب  अहमद
Shah طالب अहमद 22 Jun, 2020 | 0 mins read
Love , Respect

मोहब्बत ।

मोहब्बत ।

मोहब्बत की कमी ?

वाहिद यही तकलीफ दोहराती है।

इज़्जत में उन्हें मोहब्बत नज़र नहीं आती है।


हमारी नज़र में इज़्जत ही मोहब्बत है।

ये मामूली सी बात वो समझ नही पाती है।


हम कितना सब्र करे ?

वो कब समझेंगे हमें ?

ये बात हमे हर लम्हा खाती है ?

वो गैरों की सलाह में बहती जाती है।


अपनों की हिदायत और तस्दीक उन्हें चुभ जाती है।

तजुर्बा है सिफ़त मेरी ये वो समझ नहीं पाती है।

0 likes

Published By

Shah طالب अहमद

talib

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.