मेरी माँ मेरी सांता.

Story based on True event.

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Shah  طالب  अहमद
Shah طالب अहमद 26 Dec, 2020 | 1 min read
women Love , society

मेरी माँ मेरी सांता , 

हां सही पढ़ा आपने क्योकि अब मैं जो आपको बताने वाला हूं उसके बाद आप भी यही कहेगे , कल शाम की बात है , अचानक मेरे घर के पास रहने वाली एक लड़की अपने घर का एक बर्तन ले कर आयी और माँ से कुछ पैसे ले कर चली गयी उसके चेहरे पर परेशानी साफ़ नज़र आरही थी , मैं अपने ऑफिस का काम कर रहा था तो मेने सब देखा मगर काम ज़्यादा होने की वजह से पूछ नहीं पाया कि क्या हुआ , अगली सुबह जब हम सब धूप में बैठे थे वो लड़की फिर से आयी और खुश लग रही थी , उसने मेरी माँ से अपना बर्तन मांगते हुए कहा कि आपका बहुत धन्यवाद और बर्तन ले कर चली गयी. 


उसके जाने क बाद मैंने माँ से पूछा कि क्या बात थी कल वो बर्तन दे कर आपसे पैसे ले कर गयी थी और आज बर्तन वापिस लेने आयी थी , तब माँ ने मुझे बताया कि कल उनको पैसो की ज़रूरत थी और उसके लिए वो अपने बर्तन बेच कर मुझसे पैसे लेने आयी थी तो मैंने उसकी मदद की थी , मैंने चकित हो कर पूछा की माँ आपको बर्तन रखने कि क्या ज़रूरत थी आप तो वैसे भी अक्सर उनकी मदद करती रहती है, 


तब माँ ने मुझे पास बैठाया और कहा कि अगर बिना बर्तन के उनको पैसे दे देती तो वो कही और जा कर उस बर्तन को बेच देती और फिर वो बर्तन उनको वापिस नहीं मिलता , मगर आज जब उनको उस बर्तन की ज़रूरत थी तो उन्हें एहसास हुआ कि मुझसे बर्तन वापिस लिए जा सकते है , मुझे आज उस लड़की ने कहा कि उसकी माँ ने कहा कि आप बर्तन वापिस कर दे पैसे जल्दी ही आने वाले है तब माँ आपको वापिस कर देंगी क्योकि आज बर्तन के बिना उनके घर में खाना बनाने में परेशानी हो रही थी .


माँ की बात सुनकर मुझे एहसास हुआ कि कभी कभी हमारी छोटी छोटी मदद भी बड़ा प्रभाव डालती है.

फिर उसी शाम मैंने अपनी एक गलती को सुधार कर माँ को ख़ुश कर दिया .


 मेरे घर में काम करने वाली आंटी काफी दिनों से कम्बल मांग रही थी मगर मैं रोज़ भूल जाता था , शाम को जब मैंने उनको आते हुए देखा तो मुझे माँ की बात याद आ गयी में फटाफट गया और संदूक से अपना कम्बल निकाल कर लाया और छुपा कर रख दिया और आंटी के काम ख़तम होने का इंतज़ार करता रहा , जैसे ही वो काम ख़तम कर के जाने लगी मैंने आवाज़ दे कर उनको रोका और उनको वो कम्बल दिया , उनके चेहरे पर ख़ुशी देखने लायक थी और साथ ही माँ भी बहुत ख़ुश हुई . 


फिर हम सब ने साथ बैठकर मूंगफली खाई और पिक्चर कुली नंबर १ पिक्चर देखने लगे .

अब आंटी को कम्बल में कैसी नींद आयी ये तो पूछ कर ही बता पाउगा .

२५ दिसंबर की सच्ची घटना पर आधारित , तो हुई ना मेरी माँ मेरी सांता .
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Shah طالب अहमद

talib

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Ragghi · 3 years ago last edited 3 years ago

    mujhe nahi lagta aunty ne kambal use bhi kiya hoga... shayad unhone vo gift bohot sanjo k rakkha ho... pr haan agar unhone use kiya hoga to neend to vakai bohot makhmali aayi hogi... talib you doing amazing with your pen or keyboard... please continue this and keep us motivated always.

  • Shah طالب अहमद · 3 years ago last edited 3 years ago

    Wo mumma ne mere liye liya tha for this season only and mene 3 ya 4 time use kiya tha then nani ne rakha diya tha ki jab job par jana tab use karna abhi work from home hah to ghar wale hi use karo ... Such valuable comment means alot to me bro ... Thanks a lot

  • Aisha Imran · 3 years ago last edited 3 years ago

    Bhttt khub❤

  • Shah طالب अहमद · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thanku aishu ... My cutie sis

  • Farheen Qureshi · 3 years ago last edited 3 years ago

    Apki ammijaan is duniya ki sabse best n kind person h unke jaisa koi nahi she is unique 💝💖😍😘love u aunty 💖be happy always AMEEN 💚

  • Shah طالب अहमद · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thanku so so much farheen for your valuable words

  • Babita Kushwaha · 3 years ago last edited 3 years ago

    Really touching, emotional and inspiration story 👌👌

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    माँ की उदारता से अंतर्मन अत्यंत प्रभावित हुआ। माँ को सादर चरणस्पर्श। व आपका भी हृदय से आभार इंसानियत के नाते नेक काम करने हेतु🙏🙏

  • Shah طالب अहमद · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thanku so so much babita ji ... For always appreciating & supporting me .. means alot to me ...

  • Shah طالب अहमद · 3 years ago last edited 3 years ago

    संदीप आपका भी बहुत बहुत शुक्रिया , माँ की ओर से ढेर सारा प्यार एवं आर्शीवाद। मेरी दुआ है आप बहुत कामयाब हो जाओ जल्दी जल्दी ।

  • Ektakocharrelan · 3 years ago last edited 3 years ago

    माँ ऐसी ही होती है हर पल इक नयी सीख दे जाती है कितना भी समझ लो कम है माँ को नमन । बहुत सुंदर शाहतालिब जी 👏👏👏👏👏🏆🏆

  • Shah طالب अहमद · 3 years ago last edited 3 years ago

    सच कहा आपने माँ हमे हमेशा कुछ ना कुछ सिखा देती है , आपकी सोच और स्नेह का बहुत बहुत शुक्रिया ।

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