झूठ का कारोबार तुम्हारा है।
अब तो बाज़ार तुम्हारा है।
जो चाहो वो छपवा दो अखबारों में।
खबरों से ज़ाहिर हो ही जाता है ।
Corona medicine poetry
झूठ का कारोबार तुम्हारा है।
अब तो बाज़ार तुम्हारा है।
जो चाहो वो छपवा दो अखबारों में।
खबरों से ज़ाहिर हो ही जाता है ।
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