Shah طالب अहमद
30 Nov, 2020
सर्द کی Dhoop
ख़ुशनसीब है ये धूप जो ज़ुल्फो से छन कर तेरे रुख्सार को छू जाती है।
हसद है मुझे इससे हम तो तेरे अक्स तक भी नही पहुँच पाते है।
Paperwiff
by talib
30 Nov, 2020
सर्द , धूप , और याद ।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.