बातें अनकहीं
ए सुनो ना । ए सुनो ना मुझे तुम्हे परेशान करना है। पसंद है जो तुम्हें हरकतें वहीं तमाम करना है । छुपाई थी कुछ बाते तुमसे आज वो सरेआम करना है। कब तक मेहमान नवाजी करू अब तुम्हे मेज़बान करना है । ए सुनो ना । ए सुनो ना मुझे तुम्हे परेशान करना है।

Paperwiff

by talib

30 Nov, 2020

सुनो ना बातें अनकहीं।

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