Shah طالب अहमद
30 Nov, 2020
बातें अनकहीं
ए सुनो ना ।
ए सुनो ना मुझे तुम्हे परेशान करना है।
पसंद है जो तुम्हें हरकतें वहीं तमाम करना है ।
छुपाई थी कुछ बाते तुमसे आज वो सरेआम करना है।
कब तक मेहमान नवाजी करू अब तुम्हे मेज़बान करना है ।
ए सुनो ना ।
ए सुनो ना मुझे तुम्हे परेशान करना है।
Paperwiff
by talib
30 Nov, 2020
सुनो ना बातें अनकहीं।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Please Login or Create a free account to comment.