Shah طالب अहमद
25 Jul, 2020
सब शामिल है
सच कहने वाले सबकी निग़ाह में ज़ाहिल है।
तुम्हारे ऐब छुपाने मेरे अपने भी शामिल है।
फ़रेब करने वालों सारे मेरी नज़र में काफ़िर है।
मुनाफिकों की भीड़ में अब कहाँ कोई आमिर है।
दावत दी है हमने वबा को ये सबमे ज़ाहिर है।
आइनों की क्या ज़रूरत अब कहा बचा कोई ताहिर है।
Paperwiff
by talib
25 Jul, 2020
Modernization, life style
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