नफ़ा मुनाफ़ा
बहुत नाम है तुम्हारा ख़रीद फरोख्त के बाज़ार में । क्योंकि तार्रुफ़ नहीं हुआ है तुम्हारा अभी तक प्यार में। वक़्त ज़ाया करते हो नफ़ा फुनाफ़ा देख सोच विचार में। हमें उस से बेहतर मिल जाता है , इश्क़ की नज्मों के उपहार में।

Paperwiff

by talib

29 Jul, 2020

Profit & loss theory

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.