Shah طالب अहमद
15 Dec, 2020
हुक़्म
उनसे मुख़ातिब होते वक़्त क़लम भी साथ रखता हूँ।
नाफ़रमानी ना हो जाये उनके हर हुक्म को दरयाफ़्त रखता हूँ।
उन्हें लगता है भूल जाता हू में ।
कोई बताओ उन्हें,
उनको ज़ेहन में हर लम्हा साथ साथ रखता हूँ।
Paperwiff
by talib
15 Dec, 2020
शाम , असर, याद।
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